सीएम हेमंत के नेतृत्व में राज्यपाल से मिलेगा प्रतिनिधिमंडल, करेगा मांग

रांची : सीएम हेमंत- झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के सभी दलों के सीनियर नेता और निर्दलीय विधायकों को

राज्यपाल रमेश बैस से मिले के लिए प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने का आग्रह किया है.

उन्होंने कहा कि विपक्ष हमारी बात नहीं सुन रहे हैं,

कल कार्यमंत्रणा की बैठक में निर्णय लिया गया था कि आज राज्यपाल रमेश बैस से

मिलकर बात रखी जाए. सभी को पता है कि राज्य गठन होने के बाद

तीसरी बार नियोजन नीति न्यायालय के द्वारा रद्द किया गया था.

पूर्व के सरकार के नियोजन नीति को नहीं किया रद्द- हेमंत

सीएम हेमंत ने कहा कि हमने पूर्व के सरकार के नियोजन नीति को रद्द नहीं किया है, ये बिल्कुल गलत है.

हमलोग आदिवासी को आगे करते हैं, लेकिन 20 में से 19 लोग जो पास होते हैं वो यूपी या बिहार के होते हैं.

उनको ही इस राज्य के नियोजन नीति से दर्द होता है.

सीएम हेमंत ने सभी दलों के नेताओं से की अपील

मुख्यमंत्री ने कहा कि अब राज्य के हित का ध्यान रखते हुए आगे बढ़ने की जरूरत है. आज राज्यपाल से मिलने

का समय 3 बजे का मिला है. उन्होंने राज्य के सभी दलों के नेताओं से अपील करते हुए कहा कि इसमें सभी लोग शामिल हो.

इसी बीच सदन में फिर से हंगामा होने लगा, जिसके बाद विधानसभा की कार्यवाही कल बुधवार 11

बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया.

इस विधेयक को लेकर सीएम करेंगे मुलाकात

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने राज्य के सभी दलों के सीनियर नेता और निर्दलीय विधायकों को पत्र लिखा है.

इसके माध्यम से झारखंड में पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2022 एवं

झारखंड स्थानीय व्यक्तियों की परिभाषा और परिणामी सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य लाभों को ऐसे

स्थानीय व्यक्तियों तक विस्तारित करने के लिए विधेयक, 2022 को कार्रवाई के लिए केंद्र सरकार को

भेजने का अनुरोध करने के लिए राज्यपाल रमेश बैस से मिलने के लिए प्रतिनिधिमंडल में शामिल

होने का आग्रह किया है, ताकि इन विधेयकों को शीघ्र कानून का रूप मिल सके.

वर्तमान में दोनों विधेयक राज्यपाल के कार्यालय को स्वीकृति के लिए भेजे गये हैं. व्यापक जनहित एवं

राज्यहित में मुख्यमंत्री ने इच्छा प्रकट की है कि एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिलकर

उक्त दोनों विधेयकों की जल्द कार्रवाई के लिए केंद्र सरकार को भेजने का अनुरोध करें,

ताकि इसे जल्द कानून का रूप मिल सके.

सीएम हेमंत : नियोजन नीति को झारखंड हाईकोर्ट ने किया रद्द

पत्र के माध्यम से बताया गया कि अभी कुछ दिन पूर्व ही एक बार फिर उच्च न्यायालय द्वारा वर्ष 2021

में गठित नियोजन नीति को रद्द किया गया है. उपरोक्त परिस्थिति में दोनों विधेयक को

संवैधानिक कवच उपलब्ध कराने के लिए इसे संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल कराने

का भी निर्णय विधानसभा के द्वारा सर्वसम्मति से लिया गया है.

रिपोर्ट: मदन सिंह

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