Ranchi में दिखी आदिवासी दिवस की धूम, मांदर के थाप पर नांचे सीएम हेमंत सोरेन और…

Ranchi में दिखी आदिवासी दिवस की धूम, मांदर के थाम पर नांचे सीएम हेमंत सोरेन और...

Ranchi : यूं तो भारत के हर हिस्सें में आदिवासी रहते हैं और उन्हें उनकी सभ्यता और संस्कृति के वजह से जाना जाता है। ऐसे में आदिवासियों का कुछ खास त्योहार होता है जिसे वे लोग काफी धूमधाम से मनाते हैं, जिनमें से एक विश्व आदिवासी दिवस  खास त्योहारों में से एक है। वैसे तो इस दिन को खास तौर पर दुनियाभर में कई जगहों पर मनाया जाता है पर इस त्योहार को खास तौर पर झारखण्ड में कुछ अलग ही धूम होती है। तो आइये जानते हैं झारखण्ड में इस त्योहार को कैसे मनाया जा रहा है।

Ranchi : राज्यपाल और सीएम ने किया कार्यक्रम का शुभारंभ

Ranchi में दिखी आदिवासी दिवस की धूम, मांदर के थाप पर नांचे सीएम हेमंत सोरेन और...
Ranchi में दिखी आदिवासी दिवस की धूम, मांदर के थाप पर नांचे सीएम हेमंत सोरेन और…

कल राजधानी रांची के बिरसा मुंडा स्मृति पार्क में आदिवासी महोत्सव की धूम देखने को मिली। कल यानी 9 अगस्त को समारोह की शुरुआत हुई थी। दो दिवसीय यह समारोह 10 अगस्त तक राजधानी रांची के जेल मोड़ स्थित बिरसा मुंडा स्मृति पार्क सह-संग्रहालय में आयोजित किया गया है। इस शुभ महोत्सव का उद्घाटन राज्यपाल संतोष गंगवार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया था। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में  राज्यसभा सांसद और दिशोम गुरु शिबू सोरेन शामिल हुए।

आदिवासी चित्रकार शिविर और उनके व्यंजनों का उद्घाटन हुआ

Ranchi में दिखी आदिवासी दिवस की धूम, मांदर के थाप पर नांचे सीएम हेमंत सोरेन और...
Ranchi में दिखी आदिवासी दिवस की धूम, मांदर के थाप पर नांचे सीएम हेमंत सोरेन और…

राज्यपाल और सीएम ने मेले में लगी शिविर, आदिवासी चित्रकार शिविर और उनके व्यंजनों का उद्घाटन किया गया। जिसके बाद शहीद बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर नेताओं ने पुष्प अर्पित किया। इस महोत्सव में भाग लेने के लिए रांची समेत कई अन्य राज्यों से भी हजारों की संख्या में लोग आए थे। इस खास अवसर पर झारखण्ड के साहित्यकारों से जुड़ी किताबों की स्टॅाल भी लगाए गए थे।

बतातें चले कि इस समारोह का आयोजन लगातार तीसरे साल किया जा रहा है। सीएम हेमंत सोरेन के पहल पर झारखंड में आदिवासी दिवस को बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता रहा है। यह तीसरा साल है जब रांची के बिरसा मुंडा स्मृति पार्क में आदिवासी दिवस का आयोजन किया जा रहा है। इस समारोह का इस खास जगह पर आयोजन होना इसलिए भी खास है क्योंकि इस पार्क में स्थित जेल में भगवान बिरसा मुंडा को अंग्रेजो ने रखा था और इसी जेल में बिरसा मुंडा ने अंतिम सांस भी ली थी।

Ranchi : मुख्य गेट से ही कलाकारो ने समां बांधा

कार्यक्रम की शुरुआत यहां के आदिवासी नृत्य के साथ हुई। कलाकारों ने पार्क के मुख्य गेट से राज्यपाल और सीएम को नृत्य करते हुए ले गए। इस दौरान राज्यपाल और सीएम आदिवासी परिधान में नजर आए। सीएम की पत्नी और गांडेय विधायक कल्पना सोरेन भी खास आदिवासी परिधान में नजर आई। उनको देखकर लग ही नहीं रहा था मानो वह सीएम की पत्नी है। कार्यक्रम स्थल में जाने के बाद कलाकारों ने आदिवासी रीति-रिवाज के साथ मुख्य अतिथियों को स्वागत किया।

इस मौके पर जेल संग्रहालय के प्रवेश द्वार के पास मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और शिबू सोरेन की तस्वीरे लगी थी और आदिवासियों ने धुमकुड़िया भवन करम टोली चौक से बिरसा मुड़ा जेल तक रीझ-रंग यात्रा निकाली थी। ऐसे में वहां पर आयोजित हुई सांस्कृतिक कार्यक्रम में लोग मिजोरम, उत्तर-प्रदेश, उड़ीशा, छत्तीसगढ़ और त्रिपुरा आदि राज्यों के बहुत सारे कलाकार अपने पांरपरिक आदिवासी नृत्य किये थे। इस दौरान की राज्यों के लोगों ने भी कार्यक्रम में शिरकत की।

Ranchi : कई राज्यों के कलाकारों ने कार्यक्रम में की शिरकत

इसके साथ आखड़े, आठ जनजातियों का गीत, कई महान नायकों ने नागपुरी गीत पर नृत्य किया और सबसे खास उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा की ऐतिहासिक गाथा नृत्य नाटक से बताया। साथ ही साथ उनलोगों ने झारखण्ड के वाद्य यंत्र एवं वेशभूषा की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में आदिवासी दिव्यांग बच्चों ने भी चरित्र गुणों पर आधारित नाटक किया जिसे देख सभी काफी उत्साहित हुए। समारोह का हिस्सा बनकर की लोग अभिभूत हुए। इतने बड़े लेवल पर कार्यक्रम होना झारखंड के लिए गर्व की बात है।

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