बोकारो : सुखी परिवार के लिए आपसी सामंजस्य का होना आवश्यक है. मगर हाल के दिनों में जिस तरह से लोगों की सोच में बदलाव आया हैं, उसका साइड इफेक्ट पारिवारिक जीवन पर भी होने लगा है. हालत यह है कि छोटे-मोटे विवाद के कारण झारखंड में पारिवारिक बिखराव तेजी से होने लगा है. ऐसे में बिखरते परिवार को बचाने की दिशा में परिवार न्यायालय ने मध्यस्थता का रास्ता अपनाया है, जो बेहद ही कारगर साबित हो रहा है.
परिवार न्यायालय में लंबे अरसे से पति पत्नी के बीच चल रहे विवाद का शनिवार को लोक अदालत में निबटारा हुआ. इन दोनों जोड़ो का विवाद शादी के कुछ दिन बाद इनका घर बिखर गया था. दोनों ने न्यायालय में तलाक फाइल किया था. दोनो तरफ के अधिवक्ताओं के पहल के बाद दोनों जोड़ा एक साथ हो गए. दोनों ने एक साथ रहने की एकबार फिर न केवल रहने की वचनबद्धता दुहराई बल्कि वरमाला पहनाकर साथ रहने की कसमें खायी. एक जोड़े की शादी 2010 में हुई थी, जो 2017 में न केवल टूट गई थीं बल्कि कई अलग अलग मुकदमे दर्ज कराई गई. दूसरे जोड़े की शादी मई 2018 में हुई थी, जिसके बाद किसी काण पति पत्नी के बीच विवाद हो गया, मामला तलाक तक पहुंच गया. इन जोड़े के 8 वर्षीय पुत्र भी है. वर्ष 2021 के जनवरी में हुई विवाद के बाद दोनों एक दूसरे से अलग हो गए थे. शनिवार को लोक अदालत में निर्णय होने के पूर्व दोनों तरफ के अधिवक्ताओं ने पहल कर सेटलमेंट करवा दिया. अब दोनों साथ हो गये. दोनो एक दूसरे के साथ रहने की कसमें खायी.
रिपोर्ट : चुमन