The Gandhian Statesman of Bihar: सीएम नीतीश पर लिखे पुस्तक का विमोचन

The Gandhian Statesman of Bihar

पटना: बिहार विधानसभा के ऑडिटोरियम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लिखी पुस्तक The Gandhian Statesman of Bihar का विमोचन किया गया। पुस्तक बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी और उनकी बेटी सह समस्तीपुर की सांसद शांभवी चौधरी ने लिखी है। पुस्तक का विमोचन राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने किया।

इस दौरान बिहार विधानसभा के अध्यक्ष नंदकिशोर यादव, उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी, सांसद अरुण गोविल सांसद शांभवी चौधरी और बॉलीवुड के पार्श्व गायक उदित नारायण समेत कई गणमान्य मौजूद थे। पुस्तक विमोचन के दौरान मंत्री अशोक चौधरी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ अपने अनुभव को साझा किया और कहा कि जब मैं कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में बिहार में घूम रहा था उस वक्त बिहार की जनता ने कहा कि 2014 में हमने नीतीश कुमार को वोट नहीं दिया लेकिन 2015 में नीतीश कुमार को ही चुनेंगे।

नीतीश कुमार ने बिहार में काम किया है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि एक बार काम से जब मैं उनके आवास पर गया था उस वक्त एक कर्मी फूल का गमला हटा रहा था तो नीतीश कुमार ने उसे बड़े प्यार से कहा था कि ऐसे हटाओगे तो फर्श खराब हो जायेगा। नीतीश कुमार के इस शब्दों से पता चलता है कि जो आदमी सरकारी आवास के फर्श की इतनी चिंता करता है वह बिहार की कितनी चिंता करेगा।

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सांसद और मशहूर धारावाहिक रामायण के राम ने कहा कि नीतीश कुमार के बारे में कहा जाता है कि वे कब किस करवट ले लें कोई नहीं जानता लेकिन उनकी यह आदत बिलकुल सही है। क्योंकि जब आप सत्ता में रहते हैं तभी आप समाज के कल्याण के लिए काम कर सकते हैं। नीतीश कुमार अगर करवट भी बदलते हैं तो भी इससे बिहार का भला ही होता है। वहीं बॉलीवुड के पार्श्व गायक उदित नारायण ने नीतीश कुमार के साथ एक मुलाकात को याद करते हुए कहा कि मेरा घर बाईसी में है और मेरे गांव में बिजली नहीं थी।

मेरे गांव में नीतीश कुमार कार्यक्रम हुआ था और उस दौरान नीतीश कुमार ने मुझसे अपने पसंद के गीत गाने के लिए कहा था तो मैंने उनसे मांग की थी की आप लोगों ने मुझे पद्म भूषण दे दिया लेकिन मेरे गांव में बिजली नहीं है तो नीतीश कुमार ने विकास की नीति देखि और अगले चार दिन में पूरे गांव में बिजली लग गया।

राज्यपाल विश्वनाथ अर्लेकर ने कहा कि मैं अपने बेटे की शादी में गोवा में था और इसी दौरान मुझे पत्र प्राप्त हुआ कि मुझे बिहार का राज्यपाल बनाया जा रहा है। बिहार का नाम सुनकर ही मेरे दिमाग में कुछ चलने लगा लेकिन जब मैं बिहार आया और यहां के नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिला तो बिहार के प्रति मेरी मानसिकता ही बदल गई।

सभा के दौरान राज्यपाल ने कहा कि किताबें लिखी जाती है लेकिन उसे पढ़ने वाला नहीं मिलता है। अब वक्त आ गया है कि हमें लोगों को प्रेरित करना चाहिए की वह किताब पढ़ें। आज यह किताब लिखी गई है और अगर कोई इसे पढ़ता है तो वह अपने जीवन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा किये गए काम और उनके विचारधारा को आगे बढ़ाएगा, जिससे बिहार आगे बढ़ेगा।

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पटना से अविनाश सिंह की रिपोर्ट

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