रांची/रामगढ़ – रांची में मंगलवार सुबह उस समय अफरातफरी मच गई जब स्कूल जा रही एक 5वीं कक्षा की छात्रा के अपहरण की खबर सामने आई। लेकिन घटना के कुछ घंटों बाद जो सूचना आई, उसने राहत दी। अपहरण के बाद छात्रा को रामगढ़ जिले के कुजू इलाके में सड़क किनारे छोड़ दिया गया था, जहां से बच्ची ने स्थानीय लोगों की मदद से अपने पिता को कॉल कर खुद के सुरक्षित होने की जानकारी दी।
घटना की शुरुआत राजधानी रांची के डोरंडा इलाके से हुई, जहां बच्ची रोज की तरह स्कूल जा रही थी। तभी कुछ अज्ञात लोगों ने उसे जबरन एक वाहन में बिठा लिया और वहां से फरार हो गए। अपहरण की सूचना मिलते ही पूरे इलाके में सनसनी फैल गई और पुलिस ने जांच शुरू कर दी।
अपहरण के बाद कुजू में छोड़ी गई थी छात्रा :
कुछ घंटों बाद बच्ची रामगढ़ जिले के कुजू क्षेत्र में सड़क किनारे रोती हुई पाई गई। वहां मौजूद स्थानीय लोगों को उस पर शक हुआ और उन्होंने उससे पूछताछ की। बच्ची ने साहस दिखाते हुए उन्हें अपने पिता का नाम और मोबाइल नंबर बताया। लोगों ने तुरंत बच्ची के बताए नंबर पर कॉल किया।
फोन उठाते ही बच्ची ने खुद अपने पिता शादाब से बात की और बताया कि वह सुरक्षित है लेकिन अपहरण कर उसे यहां छोड़ दिया गया है। शादाब ने तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दी, जिसके बाद पुलिस टीम कुजू पहुंची और बच्ची को अपने कब्जे में लेकर मेडिकल जांच के लिए भेजा गया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, बच्ची के अपहरण में एक ऑटो (टुकटुक) का इस्तेमाल किया गया था, जिसका संभावित नंबर JH01FU6874 बताया गया है। पुलिस CCTV फुटेज खंगाल रही है और अपराधियों की पहचान में जुटी है।
हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि अपहरणकर्ताओं की मंशा क्या थी, लेकिन यह माना जा रहा है कि रांची से रामगढ़ तक पुलिस की सक्रियता और नाकेबंदी की सूचना के बाद अपराधियों ने दबाव में आकर बच्ची को बीच रास्ते में छोड़कर भागने का फैसला किया।
इस घटना में जहां बच्ची की सूझबूझ और साहस ने अहम भूमिका निभाई, वहीं स्थानीय लोगों की तत्परता और मदद ने एक मासूम की जान बचाने में निर्णायक योगदान दिया।
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