मधेपुरा : मधेपुरा जिले के गंगापुर छठ घाट, मुरलीगंज छठ घाट, भिरखी छठ घाट और वेलो कला छठ घाट सहित जिले के विभिन्न छठ घाटों पर आज उदयगामी सूर्य एवं भास्कर भगवान को अर्घ्य देने की साथ ही चार दिवसीय लोक आस्था के महापर्व छठ का समापन हो गया। चार दिनों तक चलने वाला यह महापर्व लोक आस्था का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है। नहाय खाय के साथ छठ महापर्व की शुरुआत होती है। खरना के बाद संध्या के सूर्य भगवान को अर्घ्य दिया जाता है। फिर उदयगामी सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही इस त्यौहार का समापन हो जाता है।
मधेपुरा जिले में छठ पूजा बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। श्रद्धालुओं ने उगते हुए सूर्य को अर्ध्य देकर अपने परिवार की सुख-समृधि की कामना भगवान् भास्कर से की। छठ घाटों में तरह तरह की लाइटिंग किया गया था। साथ ही पूजा समिति की और से सभी तरह की व्यवस्था की गई थी। इस अवसर पर पुलिस प्रशासन भी पूजा में विधि वयवस्था में मुस्तैद दिखे। सभी छठ घाटों पर छठी मैया के गीत से भक्तिमय बना रहा।
इस दौरान गंगापुर छठ घाट पर छठव्रती महिला तथा पुरुषों ने उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया। यह पर्व कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन छठ पूजा की जाती है। यह पूजा भगवान सूर्य और उनकी पत्नी ऊषा को समर्पित होती है। सभी लोगों ने सुबह होते ही छठ घाट पर उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर अपने परिवार की सुख शांति के लिए भगवान भास्कर से प्रार्थना की। छठ वर्तियों की सुहुलियत को देखते हुए छठ घाट पर सुरक्षा की पुख्ता इंतजाम किए गए थे।
रमण कुमार की रिपोर्ट