गरीबी के कारण बेल बांड नहीं भर पाने पर हाईकोर्ट ने प्रार्थी को दी राहत

रांची:गुमला के सिसई थाना में दर्ज एक मामले में आरोपी दीपू कुमार भूईया को जमानत मिलने के बाद भी गरीबी के कारण बेल बांड नहीं भर पाने से संबंधित मामले की सुनवाई झारखंड हाईकोर्ट में हुई. हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति राजेश कुमार की कोर्ट ने प्रार्थी को राहत देते हुए पीआर बांड पर छोड़ने का निर्देश दिया है.

इससे पहले सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता सब्यसाची ने हाईकोर्ट को बताया कि प्रार्थी को 30 जनवरी 2023 को ही हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी. लेकिन प्रार्थी और उसकी उसके पिता 10 हजार रूपए के दो बेल बांड गरीबी के कारण भरने में अक्षम है इसलिए उन्हें पीआर बांड पर छोड़ने का आदेश दिया जाए.

बता दें कि प्रार्थी के खिलाफ गुमला के सिसई थाना में आर्म्स एक्ट के तहत कांड संख्या 156/ 2020 दर्ज है. जनवरी 2023 को उसे बेल मिलने के बाद भी गरीबी के कारण बेल बांड नहीं भर पाने से वह अब तक जेल में ही था.

उसने अपनी गरीबी का हवाला देते हुए बेल बांड भरने में सक्षम नहीं होने को लेकर झारखंड लीगल सर्विस अथॉरिटी (झालसा) को चिट्ठी लिखा था. जिस पर झालसा ने मामले में अधिवक्ता सब्यसाची को नियुक्त किया. प्रार्थी की ओर से हाईकोर्ट में सीआरएमपी दायर की गई थी जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया.

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