हाईकोर्ट ने एमिकस क्यूरी से मृतका के परिजनों को मिले बेनिफिट पर मांगी जानकारी

रांची: दुमका में बीते साल 23 अगस्त को हुए पेट्रोल कांड में नाबालिग छात्रा अंकिता की हत्या कर दिए जाने के मामले में झारखंड हाईकोर्ट में शनिवार को सुनवाई हुई.

मामले में एमिकस क्यूरी रमित सत्येंद्र की ओर से कोर्ट को जानकारी दी गई कि राज्य सरकार ने विक्टिम फैमिली को अब तक की सहायता के रूप में 10 लाख रूपये की आर्थिक मदद की है.

इस पर कोर्ट ने अगली सुनवाई में एमिकस क्यूरी को यह बताने को कहा है कि मृतक लड़की के परिजनों को और क्या-क्या बेनिफिट दी गई है, इसकी जानकारी दी जाए. मामले में केंद्र सरकार की ओर से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल नहीं किया जा सका जबकि पिछली सुनवाई में कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि देवघर, एम्स में बर्न वार्ड कब तक स्थापित हो जायेगा.

हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की. दरअसल, पिछली सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से शपथ पत्र दाखिल कर बताया गया था कि मामले में दो आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो चुका है, ट्रायल जारी है.

यह भी बताया कि राज्य सरकार ने विक्टिम फैमिली को 10 लाख रूपया दिया है. वही केंद्र सरकार एवं एम्स, देवघर के अधिवक्ता प्रशांत पल्लव ने कोर्ट को बताया था कि लोकल एमपी ने भी अपने स्तर पर पीड़ित फैमिली के लिए 28 लाख का फंड जमा किया है. केंद्र सरकार और एम्स , देवघर की ओर से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव ने पैरवी की.

बता दें कि 23 अगस्त 2022 को दुमका में हुए इस घटना के बाद 30 अगस्त 2022 को हाईकोर्ट ने मामले में स्वत संज्ञान लिया था. दरअसल, दुमका में 23 अगस्त की रात एक सनकी आशिक शाहरुख नाम के युवक ने एकतरफा प्यार में घर में सो रही 12वीं की छात्रा अंकिता को जिंदा आग के हवाले कर दिया था। जिसके बाद इलाज के दौरान रिम्स में उसकी मौत हो गई थी।

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