मंजेश कुमारCycle
पटना: अगले वर्ष बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सभ पार्टियां तैयारी में जुट गई है। सभी दलों के नेता मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए अब यात्रा पर निकल रहे हैं। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी 15 दिसंबर से महिला संवाद यात्रा पर निकल रहे हैं। सीएम नीतीश की यात्रा के लिए कैबिनेट ने करीब 225 करोड़ रूपये की मंजूरी भी दी है।
सीएम नीतीश की यात्रा को लेकर विपक्ष सवाल खड़ा कर रहा है और जनता के पैसे का दुरुपयोग करार दे रहा है। हालांकि राजनीतिक विरोध के बावजूद सीएम नीतीश 15 दिसंबर से यात्रा पर निकलेंगे। वे अपनी इस यात्रा के दौरान राज्य की योजनाओं की समीक्षा करेंगे तो जीविकाकर्मियों से मुलाकात कर उनकी राय भी लेंगे। इसके साथ ही वे क्षेत्र की महिलाओं से मिल कर अपनी सरकार का फीडबैक और उनकी समस्याओं को सुनेंगे।
सीएम नीतीश की महिला संवाद यात्रा अब एक राजनीतिक मुद्दा बन गया है और इस पर चर्चाएं भी तेज हो गई है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो नीतीश कुमार 2005 से अब तक साइलेंट वोटर्स के दम पर ही मुख्यमंत्री बनते आये हैं। हालांकि यह साइलेंट वोटर्स नीतीश कुमार के लिए सिर्फ एक वोट बैंक ही नहीं बल्कि नीतीश कुमार भी इन साइलेंट वोटर्स के लिए हमेशा एक से एक योजनाएं लाते रहे हैं और उन्हें खुश करते दिखे हैं।
राजनीतिक जानकारों की मानें तो हाल में कई राज्यों में संपन्न विधानसभा चुनावों में महिलाओं के लिए विशेष योजनाओं की घोषणा करने वाली पार्टी को महिलाओं का अपार समर्थन मिला है ऐसे में नीतीश कुमार अपनी इस यात्रा के बाद महिलाओं के लिए फिर से किसी बड़ी योजना की घोषणा कर सकते हैं। आपको यह भी बता दें कि 2005 से लेकर अब तक में सीएम नीतीश की यह 15वीं यात्रा है।
नीतीश की यात्रा पर एक नजर
2005 के विधानसभा चुनाव में लालू-राबड़ी सरकार के विरोध में नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ राज्य में घूम कर जनसमर्थन हासिल किया था। हालांकि पूर्ण बहुमत नहीं मिल पाने के कारण उनकी सरकार गिर गई और फिर उसके बाद नीतीश कुमार 12 जुलाई को न्याय यात्रा पर निकले। नीतीश कुमार के न्याय के बाद अक्टूबर 2005 के विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत मिला और नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने। 2009 के लोकसभा चुनाव से पहले वे 9 जनवरी से विकास यात्रा यात्रा पर निकले। इस यात्रा का उन्हें बेहतर परिणाम भी मिला।
लोकसभा चुनाव में सफलता के बाद वे फिर 17 जून 2009 से धन्यवाद यात्रा पर निकले। इसके बाद नीतीश कुमार 2010 के विधानसभा चुनाव के दौरान मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए एक बार फिर 25 दिसंबर 2009 से प्रवास यात्रा पर निकल कर अपने चार वर्षों के काम काज का लोगों को हिसाब दिया और कुछ ही दिन बाद विधानसभा चुनाव से पहले 28 अप्रैल 2010 से पहले विश्वास यात्रा पर निकले। 2011 के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार प्रचंड जीत मिली और वर्ष के अंत में फिर वे सेवा यात्रा पर निकले।
19 सितम्बर 2012 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर अधिकार यात्रा निकाली। इस बीच लोकसभा चुनाव में उन्होंने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री चेहरा बनाये जाने का विरोध किया और लोगों को अपने पक्ष में एकजुट करने के लिए संकल्प यात्रा निकाली। लोकसभा चुनाव में शर्मनाक हार के बाद नीतीश कुमार एक बार फिर से विधानसभा चुनाव की तैयारी के लिए 13 नवंबर 2014 को संपर्क यात्रा पर निकले।
2015 विधानसभा चुनाव में राज्य में एक बार फिर नीतीश कुमार की सरकार बनी और फिर वे सरकार द्वारा लागू की गई सात निश्चय योजना का फीडबैक लेने के लिए एक बार फिर से 9 नवंबर 2016 से निश्चय यात्रा पर निकले। 12 वर्षों से चल रही अपनी सरकार के विकास कार्यों की समीक्षा करने के लिए नीतीश कुमार ने 7 दिसंबर 2017 से समीक्षा यात्रा निकाली और लोगों के बीच जा कर अपने द्वारा किये गए काम का फीडबैक लिया। 2020 विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार एक बार फिर 3 दिसंबर 2019 से जल जीवन हरियाली यात्रा पर निकले और राज्य को जल जीवन हरियाली योजना को लेकर जागरूक किया।
इसके बाद नीतीश ने यात्राओं में कमी की और 22 दिसंबर 2021 से समाज सुधार यात्रा पर निकले। इसके बाद सीएम नीतीश की तबियत ख़राब रहने लगी और उन्होंने अपनी यात्राएं कम कर दी। लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले सीएम नीतीश 28 जनवरी 2023 से समाधान यात्रा पर निकले और अब विधानसभा चुनाव से पहले वे एक बार फिर महिला संवाद यात्रा पर निकल रहे हैं।
महिलाओं के लिए सीएम नीतीश की योजनाएं
नीतीश कुमार जब से बिहार की सत्ता में आये तब से अब तक महिलाओं के लिए कई विशेष योजनाएं लागू की और यही वजह है कि राज्य की महिलाएं नीतीश कुमार के लिए साइलेंट वोटर का काम करती है और नीतीश कुमार 2005 से लगातार मुख्यमंत्री बन रहे हैं।
नीतीश कुमार ने एक तरफ जहां लड़कियों की शिक्षा को ध्यान में रख कर मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना, मुख्यमंत्री साइकिल योजना चलाई तो लडकियों के विकास के लिए मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना, मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना, बिहार शताब्दी मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना, अल्पसंख्यक छात्र छात्राओं के लिए छात्रावास निर्माण, पिछड़ी जातियों के लिए कन्या आवासीय विद्यालय के तहत 12 कन्या आवासीय उच्च विद्यालय का निर्माण, मुख्यमंत्री अक्षर आँचल योजना चलाई।
इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ने राज्य में महिलाओं को सरकारी नौकरी में 35 प्रतिशत और स्थानीय निकाय में 50 प्रतिशत का आरक्षण दिया। महिलाओं के कहने पर ही उन्होंने राज्य में शराबबंदी की तो महिलाओं की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए जीविका की शुरुआत की और आज लाखों महिलाएं जीविका से जुड़ कर अपने परिवार के लिए जीविकोपार्जन कर रही हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हिंसा और शोषण की शिकार महिलाओं की सुरक्षा के लिए अल्पावास योजना शुरू की तो उन्हें हुनरमंद और आत्मनिर्भर बनाने के लिए हुनर योजना, ममता कार्यक्रम जैसी योजनाएं भी लागू की।
नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने के बाद लड़कियों और महिलाओं के लिए चलाये गए योजनाओं की वजह से राज्य की महिलाएं नीतीश कुमार को खुल कर अपना समर्थन देती हैं। इस बार भी माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महिला संवाद योजना कर ने इसी वजह से जा रहे हैं कि महिलाओं की समस्याओं को वे एक बार फिर से सुनेंगे और उसके समाधान के लिए कोई घोषणा कर सकें।
एक बात और बता दें कि महिलाओं के लिए नीतीश कुमार की अब तक घोषणाएँ महज चुनावी वादा साबित नहीं होता है बल्कि नीतीश कुमार अपने वादे के अनुरूप योजना की घोषणा कर जमीन पर भी उतारते दिखते हैं। अब यह देखने वाली बात होगी कि सीएम नीतीश महिला संवाद यात्रा के दौरान क्या नई घोषणा करते हैं।
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