पटना : बिहार की राजनीतिक अस्थिरता – मगध की सियासी प्याली में फिर उठने वाला है तूफान– पिछले
एक दशक में जिस तरह बिहार की राजनीतिक अस्थिरता की प्रकृति देखने को मिली है,
उसके मुताबिक एकबार फिर वहां राजनीतिक मोड़ आ गया है.
जब सत्ता के साझीदारों का समीकरण बनता-बिगड़ता दिख रहा है.
पिछले कुछेक दिनों से चर्चा तेज है कि बिहार में सत्ताधारी जेडीयू-भाजपा संबंध नाजुक दौर से गुजर रहा है. कहा तो यहां तक जा रहा है कि नीतीश कुमार सत्ता का चेहरा बने रहेंगे लेकिन साझीदार बदल सकते हैं. बिहार में कांग्रेस, हम सहित दूसरे दलों में भी जिस तरह की हलचल है, उससे भी कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.
सोनिया गांधी से फोन पर नीतीश कुमार ने की बातचीत
पिछले कुछ समय से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिस तरह के संकेत दे रहे थे, उसकी परिणति जल्द सामने आने की सियासी चर्चा है. खबर है कि नीतीश कुमार ने हाल ही में कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी से फोन पर बातचीत की. दूसरे, रविवार को नीति आयोग की बैठक में नीतीश कुमार के शामिल नहीं होने को जेडीयू-भाजपा के संबंधों में आई खटास से जोड़कर देखा जा रहा है.
दिल्ली के कई कार्यक्रमों में शामिल नहीं हुए सीएम नीतीश
यह पहला मौका नहीं है जब नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार से जुड़ी बैठक में शामिल नहीं हुए. 17 जुलाई को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई, उसमें भी वे शामिल नहीं हुए. 22 जुलाई को प्रधानमंत्री ने पूर्व राष्ट्रपति के विदाई समारोह में भोज आयोजित किया, जिससे नीतीश कुमार दूर रहे. 25 जुलाई को भी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह में उन्होंने शिरकत नहीं की.
बिहार की राजनीतिक अस्थिरता :जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने उलटफेर से किया इनकार
हालांकि तथ्य यह भी है कि नीतीश कुमार हाल ही में कोरोना संक्रमित हो गए थे और स्वास्थ्य लाभ के बाद फिलहाल बहुत आवश्यक समारोह में ही जा रहे हैं. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने भाजपा-जेडीयू संबंधों को सामान्य बताते हुए किसी उलटफेर से इनकार कर दिया. लेकिन हाल ही में जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष आरसीपी सिंह पर जेडीयू ने भारी मात्रा में संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाते हुए उनसे सफाई मांगी थी. जिसके बाद आरसीपी सिंह ने जेडीयू छोड़ते हुए नीतीश कुमार पर कई हमले किये हैं. नीतीश कुमार के जिले के रहने वाले आरसीपी सिंह कभी उनके बेहद करीब व खास थे.
आरसीपी का पत्ता साफ होना ये है वजह
कहा जाता है कि आरसीपी सिंह पूर्व में नीतीश कुमार की अनिच्छा के बावजूद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री बन गए. जब दोबारा उन्हें राज्यसभा भेजे जाने का मौका आया तो जेडीयू ने आरसीपी सिंह का पत्ता साफ कर दिया. जिसके बाद आरसीपी सिंह पर जेडीयू ने भारी-भरकम संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाकर जवाब तलाब किया.