पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव इसी वर्ष होना है और इसे लेकर सियासत जोरों पर है। इसी बीच चुनाव आयोग के द्वारा बिहार में कराए जा रहे गहन मतदाता पुनरीक्षण को लेकर विपक्ष चुनाव आयोग समेत एनडीए पर जबर्दस्त तरीके से हमलावर है। रविवार को बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष सह महागठबंधन के कथित मुख्यमंत्री चेहरा तेजस्वी यादव ने महागठबंधन के नेताओं के साथ एक प्रेसवार्ता की। प्रेसवार्ता के दौरान पत्रकारों ने जब एक सवाल किया तो तेजस्वी ने पहले पूछा कि ये खबर कहां से मिली।
पत्रकार ने जब उन्हें बताया कि सूत्र से खबर मिली है तो तेजस्वी यादव ने कहा कि हम आपके सूत्र को मूत्र समझते हैं। इतना ही नहीं तेजस्वी ने अपने सोशल मीडिया X पर भी पोस्ट किया और लिखा कि चुनाव आयोग स्वयं सामने आने की बजाय सूत्रों के हवाले से खबर प्लांट करवा रहा है ताकि इसकी आड़ में खेला जा सकते। ये वही सूत्र है जो ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इस्लामाबाद, लाहौर और कराची पर कब्ज़ा कर चुके थे। इसलिए हम ऐसे सूत्र को मूत्र समझते हैं। मूत्र यानि ऐसा अपशिष्ट पदार्थ जो दुर्गंध फैलाता है।
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तेजस्वी यादव के इस बयान को अब एनडीए ने हाथों हाथ हथियार बना लिया और जम कर हमले किये। भाजपा प्रवक्ता प्रभाकर मिश्रा ने कहा कि तेजस्वी यादव को अब तक नौंवी फेल नेता कहा जाता था। लेकिन वे जिस तरह से अमर्यादित भाषा बोलते हैं अब उन्हें बेलगाम भी कहा जायेगा। वे उसी मंडली का ढोलकिया हैं जो खाता तो भारत का है और गाता पाकिस्तान का है। वे किस सूत्र को मूत्र और दुर्गन्ध फ़ैलाने वाला कहते हैं।
असल में तेजस्वी अपने पिताजी के राजनीति के मसखरा बनना चाहते हैं लेकिन बिहार के लोगों को मसखरा वाला नहीं बल्कि विजन वाला नेता चाहिए। आखिर वे कब तक अपनी हार का ठीकरा चुनाव आयोग पर फोड़ते रहेंगे। ये बिहार की पब्लिक है सब जानती है।
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