नई दिल्ली: वक्फ संशोधन बिल बुधवार को लोकसभा और गुरुवार को राज्यसभा में पेश किया जाएगा। मंगलवार को संसद की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में तय किया गया कि बिल बुधवार को प्रश्नकाल के बाद दोपहर 12 बजे पेश किया जाएगा। इस बिल में जेपीसी (जॉइंट पार्लियामेंटरी कमेटी) द्वारा किए गए 20 संशोधनों पर 8 घंटे चर्चा होगी। इसके बाद, केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू चर्चा का जवाब देंगे।
विपक्ष ने इस बिल पर 12 घंटे चर्चा की मांग की थी, लेकिन इसे खारिज कर दिया गया। बताया गया है कि बजट सत्र 4 अप्रैल को खत्म होगा, और इसके पहले वक्फ संशोधन बिल को पारित करने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इस बीच, भाजपा और एनडीए के प्रमुख दलों जैसे टीडीपी, जदयू, शिवसेना (शिंदे), और लोजपा (आरवी) ने अपने सांसदों को लोकसभा में मौजूद रहने और बिल का समर्थन करने का व्हिप जारी किया है।
लोकसभा और राज्यसभा का गणित
सियासी गर्माहट और विपक्ष के विरोध के सुर के बावजूद लोकसभा में वक्फ बिल को पारित कराने में सरकार को कोई अड़चन नहीं आएगी। लोकसभा में कुल 542 सदस्य हैं, जिनमें एनडीए के 13 दलों के 289 सांसद हैं, जबकि विपक्षी इंडिया गठबंधन के 15 दलों के पास 223 सदस्य हैं। इस गणित के आधार पर, भाजपा को लोकसभा में बहुमत हासिल है और वह बिल को पारित करा सकती है।
राज्यसभा में कुल 245 सदस्य हैं, जिसमें से एनडीए के पास 125 सांसद हैं और 9 सीटें रिक्त हैं। एनडीए को समर्थन के लिए 118 सांसदों की जरूरत होगी, जो उसके पास पहले से ही मौजूद हैं। इस तरह, राज्यसभा में भी सरकार को बिल पारित करने में कोई दिक्कत नहीं होगी।
इस बीच, सरकार को उम्मीद है कि वक्फ संशोधन बिल पारित होने के बाद वक्फ संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन होगा और उन पर होने वाली अनियमितताओं को रोका जा सकेगा। विपक्ष ने हालांकि इस बिल के खिलाफ आपत्ति जताई है, और इसे वक्फ संस्थाओं के अधिकारों पर आक्रमण मानते हुए इसका विरोध कर रहा है।