लकड़ी के पैसे नहीं थे, कबीर अंत्येष्टि योजना के रुपए भी नहीं मिले, शव को कंधा देकर सीधे प्रखंड मुख्यालय पहुंच गए ग्रामीण

गया. बिहार के गया में एक अजीब मामला सामने आया है. जहां एक गरीब परिवार ग्रामीणों के साथ शव को कंधा देकर सीधे प्रखंड मुख्यालय पहुंच गया. गरीब परिवार के पास लकड़ी के लिए रुपए नहीं थे. वहीं कबीर अंत्येष्टि योजना के रुपए भी नहीं मिले. जिस कारण आक्रोशित ग्रामीणों ने यह कदम उठाया. ग्रामीणों ने बताया कि सरकार द्वारा दी जाने वाली अंत्येष्टि योजना के तहत दाह संस्कार की राशि के लिए मुखिया से संपर्क किया. किंतु मुखिया ने यह कहकर इनकार कर दिया कि पहले से ही 2 लाख रुपया लगा चुके हैं, ब्लॉक से पैसा नहीं मिल रहा है. इसके बाद आक्रोशित ग्रामीण शव को कंधा देते हुए सीधे प्रखंड मुख्यालय को पहुंच गए.

इसे भी पढ़ेंःमुंगेर: प्रेमिका की उम्र नहीं हो रही थी पूरी, प्रेमी ने शादी न होने से डिप्रेशन में आकर खुद को मारी गोली

गया जिले के बाराचट्टी प्रखंड का है मामला

यह संवेदनशील मामला गया जिले के बाराचट्टी प्रखंड का है. जानकारी के अनुसार बाराचट्टी प्रखंड अंतर्गत काहुदाग पंचायत की रहने वाली 45 वर्षीय अनीता देवी की मौत रात्रि में हो गई थी. गरीब परिवार में इस मौत के बाद परिजनों के पास अंतिम संस्कार के लिए पैसे नहीं थे, जिससे की लकड़ी की खरीद की जा सके. अंतिम संस्कार के लिए शव काफी देर तक घर के दरवाजे पर पड़ा रहा. ऐसे में लाचार परिजनों ने कबीर अंत्येष्टि योजना के तहत अंतिम संस्कार के लिए दिए जाने वाले सरकारी रुपए को पाने के लिए स्थानीय मुखिया से संपर्क किया.

मुखिया ने नहीं दिए कबीर अंत्येष्टि के रुपए, कहा- ब्लॉक से पैसा नहीं मिल रहा 

कबीर अंत्येष्टि के रुपए मांगे जाने पर मुखिया का जो बयान था, वह हैरान करने वाला था. मुखिया ने यह कहकर हाथ खड़े कर दिए कि वह पहले ही कबीर अंत्येष्टि योजना के तहत 2 से 3 लाख रुपये दर्जनों लोगों को दे चुका हूं. किंतु ब्लॉक से पैसा नहीं मिल रहा है. मुखिया कमलेश कुमार ने यह भी कहा कि अब हम सक्षम नहीं रहे कि रुपए दे सकूं. यह भी कहा कि वह कई बार कबीर अंत्येष्टि के रुपए पाने के लिए ब्लॉक के अधिकारियों को सूचना दिया, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है.

आक्रोशित हुए परिजन और गांव वाले शव को लेकर पहुंचे ब्लॉक मुख्यालय

मुखिया के इस तरह की बातों को सुनने के बाद परिजन और गांव के लोग आक्रोशित हो गए. इसके बाद वे शव को कंधा देकर राम नाम सत्य है, कहते हुए सीधे प्रखंड मुख्यालय बाराचट्टी में दाखिल हो गए. प्रखंड मुख्यालय के परिसर में पहुंचकर परिजनों ने काफी देर तक हंगामा किया. वहीं, परिजनों का आरोप है, कि ब्लॉक के भी एक पदाधिकारी का कहना है, कि चंदा करके शव जलाइए.

कई ने दिया चंदा, हंगामा होता रहा

ब्लॉक के एक पदाधिकारी के यह कहने के बाद कई लोगों ने चंदा देना भी शुरू कर दिया. यह दृश्य देेखने वाले लोग प्रशासनिक व्यवस्था को कोस रहे थे. वहीं, इसके बीच हंगामा भी चल रहा था. हालांकि मामले को बढ़ता देख ब्लॉक के बीपीआरओ के अनुसार उन्होंने पंचायत सचिव के माध्यम से पैसा दिलवाने की कोशिश की है. इसके बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए स्थानीय श्मशान घाट ले जाया जा रहा है.

खाने को नहीं हैं रुपए, दाह संस्कार कहां से करेंगे

वहीं, मृत महिला के पुत्र मंटू कुमार ने बताया कि हम गरीब लोग हैं. हमारे पास खाने के लिए भी पैसे नहीं हैं. ऐसे में हमारे घरों में मौत हो जाती है, तो बड़ी विपत्ति के रूप में होती है. क्योंकि हमारे पास दाह संस्कार के लिए पैसे तक नहीं होते हैं. वहीं, दुर्भाग्य की बात यह है कि सरकार ने कबीर अंत्येष्टि योजना चलाई है, लेकिन उसके तहत हमें मदद नहीं मिल पाती है. वहीं, ब्लॉक के पदाधिकारी चंदा कर शव जलाने की बात कहते हैं. वहीं, इस तरह से कबीर अंत्येष्टि के पैसे नहीं मिलने और शव को जलाने लिए लकड़ी का जुगाड़ नहीं होने पर शव को घर से सीधे लेकर प्रखंड मुख्यालय बाराचट्टी पहुंचने के मामले को लेकर चर्चा का विषय बना हुआ है. इसके बीच लोग सरकारी व्यवस्था पर हास्यास्पद कटाक्ष भी कर रहे हैं.

Share with family and friends: