रांची: झारखंड सरकार ने अंतर जिला स्थानांतरण की प्रतीक्षा कर रहे शिक्षकों के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। शिक्षा विभाग ने लगभग 1000 शिक्षकों के स्थानांतरण की प्रक्रिया पूरी कर ली है और 15 अगस्त 2025 से पहले संबंधित आदेश जारी कर दिए जाएंगे। यह निर्णय उन शिक्षकों के लिए राहत की खबर लेकर आया है जो पारिवारिक, सामाजिक या स्वास्थ्य संबंधी कारणों से अपने जिले से दूसरे जिले में तबादले की प्रतीक्षा कर रहे थे।
राज्य स्तरीय समिति की बैठक के बाद होगा अंतिम निर्णय:
प्राथमिक शिक्षा निदेशक मनोज रंजन ने जानकारी दी कि सभी जिलों से स्थानांतरण प्रस्ताव निदेशालय को प्राप्त हो चुके हैं और इनकी जांच-पड़ताल तेजी से की जा रही है। अब केवल राज्य स्तरीय समिति की अंतिम बैठक शेष है, जिसके बाद स्थानांतरण आदेश जारी कर दिए जाएंगे।
इन शिक्षकों को मिलेगी प्राथमिकता:
इस बार स्थानांतरण नीति में बदलाव करते हुए संवेदनशील श्रेणियों के शिक्षकों को प्राथमिकता दी गई है। इनमें शामिल हैं:
असाध्य रोग से पीड़ित शिक्षक
दिव्यांग शिक्षक
50 वर्ष से अधिक उम्र की महिला शिक्षिकाएं
विधवा, तलाकशुदा या परित्यक्त महिला शिक्षिकाएं
एकल अभिभावक शिक्षक या शिक्षिका
पति-पत्नी जो अलग-अलग जिलों में सरकारी सेवा में कार्यरत हैं, उन्हें एक ही जिले में समायोजित किया जाएगा
ऑनलाइन आवेदन और सत्यापन प्रक्रिया पूरी:
इस स्थानांतरण के लिए शिक्षकों ने 21 जून 2025 तक ऑनलाइन आवेदन किया था। अंतिम तिथि पहले 14 जून थी, जिसे बढ़ाकर 21 जून किया गया। इसके बाद 26 जून तक डीएसई और डीईओ कार्यालयों ने आवेदनों का सत्यापन किया और जिला शिक्षा स्थापना समितियों से अनुमोदन प्राप्त कर प्रस्ताव राज्य स्तरीय समिति को भेजे गए।
सकारात्मक पहल से मिलेगा संतुलन और राहत:
यह निर्णय केवल शिक्षकों के लिए व्यक्तिगत राहत नहीं बल्कि स्कूलों में शिक्षक संतुलन बनाए रखने की दिशा में भी एक अहम कदम है। विशेषकर महिला शिक्षिकाओं और दिव्यांग शिक्षकों के लिए यह नीति काफी सहायक सिद्ध होगी।