पटना : राज्य में विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) को लेकर आज यानी 17 अप्रैल को बिहार महागठबंधन की बड़ी बैठक होने वाली है। इस बैठक में महागठबंधन की सहयोगी पार्टियां राजद, कांग्रेस, वीआईपी और लेफ्ट के सभी दल शिरकत करेंगे और विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति पर चर्चा करेंगे। जिसमें कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव समेत कई बड़े नेता भाग लेंगे। चुनाव को लेकर सभी पार्टियां मैदान में पूरी तरह से उतर चुकी हैं। सभी पार्टियों में अलग-अलग बैठकों का दौर जारी है। दरअसल, दो दिन पहले दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर हुई राजद और कांग्रेस की बैठक के बाद अब पटना में होने वाली महागठबंधन की इस बैठक को काफी अहम माना जा रहा है।
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सीट बंटवारे, CM फेस, कॉमन एजेंडा प्रोग्राम समेत अन्य मुद्दों को लेकर होगी चर्चा
बताया जा रहा है कि महागठबंधन की इस बैठक में विधानसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे, सीएम फेस, कॉमन एजेंडा प्रोग्राम समेत अन्य मुद्दों को लेकर चर्चा होगी। सूत्रों के अनुसार, महागठबंधन की इस बैठक में विधानसभा चुनाव को लेकर सामूहिक रणनीति बनाने और समन्वय समिति के गठन पर विशेष बातचीत होगी। समन्वय समिति के जरिए ही चुनाव के लिए रणनीति बनाने के एजेंडे पर फोकस किया जाएगा। वहीं बीते कुछ दिनों से कांग्रेस और वीआईपी के इशारों ही इशारों में सीट की मांग पर सियासी गलियारे में छिड़ी बहस को लेकर भी इस बैठक में चर्चा होगी।
CM फेस और सीट शेयरिंग पर सहमति बनाने की होगी कोशिश
इस बैठक के दौरान सीएम फेस पर सहमति बनाने की कोशिश की जाएगी। दरअसल, राजद की ओर से तेजस्वी यादव को बार-बार महागठबंधन का सीएम फेस बताया जा रहा है। लेकिन, कांग्रेस इसको लेकर पूरी तरह से तैयार नहीं दिख रही है। ऐसे में बैठक के दौरान सीएम फेस को लेकर भी कुछ तय किया जा सकता है। वहीं बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर महागठबंधन में 50-70 सीटों का पेंच और मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस को राजद 50 सीट से ज्यादा देने के मूड में नहीं है और तो कांग्रेस ने भी यह शर्त रख दी है कि 70 सीट में ही समझौता हो सकता है। साथ ही उपमुख्यमंत्री कांग्रेस से होगा यह पहले ही तय हो जाए। जबकि राजद इसके लिए तैयार नहीं है। मामला यही फंस गया है। अब 17 अप्रैल यानी आज पटना में महागठबंधन की बैठक बुलाई गई है।
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हालांकि पार्टी सूत्रों का दावा है कि दोनों मुद्दों पर कुछ आगे-पीछे होकर समाधान निकाला जाएगा और इसके लिए बैठकों का दौर शुरू हो चुका है। राजनीति के जानकारों का मानना है कि बिहार में राजद अपना अपर हैंड रखने और ज्यादा से ज्यादा सीटों पर खुद चुनाव लड़ने की तैयारी कर चुकी है। अपने उम्मीदवारों को ग्रीन सिग्नल देने और चुनाव की तैयारी करने को कहा जा चुका है। बीते चुनावों में भी यह देखा जा चुका है कि दोनों पार्टियों के बीच रिश्ते तनावपूर्ण रहे हैं। दोनों पार्टियां बिहार की राजनीति में अहम भूमिका में हैं। इस चुनाव में दोनों को उम्मीद है वे बेहतर परिणाम पा सकेंगे। जातिगत वोट बैंक को लेकर राजद और कांग्रेस अपने अपने दावों पर अड़ गईं हैं।
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