डिजीटल डेस्क : Manipur में बड़े पैमाने पर हफ्ते भर में कुकी उग्रवादियों के खिलाफ होगा एक्शन। Manipur में बीते सोमवार शाम को शुरू हुई बैठक आधी रात क्षण पर पहले तक चली। गहमागहमी भरे इस बैठक में आखिरकार बड़े एक्शन पर सभी की सहमति बनी।
उसी क्रम में Manipur कैबिनेट ने 5 घंटे की बैठक में पिछले दो हफ्तों से Manipur में नए सिरे हो रही हिंसा पर लगाम लगाने को बड़े स्तर पर एक्शन शुरू करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की अगुवाई वाली कैबिनेट ने और Manipur की एनडीए सरकार ने इसके लिए एक हफ्ते की समयसीमा तय कर दी है।
एन. बीरेन सिंह सरकार ने Manipur के जिरीबाम में 6 निरीह महिलाओं और बच्चों की हत्या के लिए जिम्मेदार कुकी उग्रवादियों के खिलाफ तय समयसीमा में ही बड़े पैमाने पर अभियान शुरू करने का संकल्प लिया है।
कुकी उग्रवादियों को प्रतिबंधित संगठन घोषित करने की तैयारी
Manipur में तेजी से नए सिरे से बिगड़े हालात और एनडीए विधायकों की ओर दिए दी गई ग्राउंड जीरो वाले इनपुट और मांगों के आधार पर एन. बीरेन सिंह कैबिनेट ने कई अहम फैसले लिए हैं।
इसके तहत बीते सोमवार को आधी रात से चंद मिनट पहले जारी आठ बिंदुओं वाले Manipur कैबिनेट के प्रस्तावों में राज्य मंत्रिमंडल ने हाल ही में जिरीबाम में 6 निरीह महिलाओं और बच्चों की हत्या के लिए कुकी उग्रवादियों को जिम्मेदार माना है।
कैबिनेट ने केंद्र सरकार से कुकी उग्रवादियों को एक हफ्ते के भीतर ‘गैरकानूनी संगठन’ यानी प्रतिबंधित संगठन घोषित करने” की भी मांग की है। इसके लागू होते ही बंधक बनाने और हत्या करने के लिए जिम्मेदार कुकी उग्रवादियों को आतंकवादी समूह घोषित कर दिया जाएगा एवं तदनुसार उन पर प्रभावी कार्रवाई होगी।

‘आफस्पा’ लागू करने की तत्काल समीक्षा करेगा केंद्र, बिना अनुति नहीं की जा सकेगी कार्रवाई…
Manipur की राजधानी इंफाल में घाटी के 6 पुलिस थाना क्षेत्रों में ‘आफस्पा’ यानी विवादास्पद सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम लागू किए जाने पर भी एनडीए विधायकों की मांग पर एन. बीरेन सिंह कैबिनेट ने अहम फैसला लिया है।
कैबिनेट में पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि केंद्र सरकार 14 नवंबर 2024 के आदेशानुसार तत्काल प्रभाव से Manipur में लागू आफस्पा की समीक्षा करेगी। यह कानून सुनिश्चित करता है कि जिस क्षेत्र में ‘आफस्पा’ लागू है, वहां किसी भी सैन्यकर्मी पर केंद्र की अनुमति के बिना मुकदमा नहीं चलाया जा सकता।
राज्य कैबिनेट ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि राज्य में सभी एनडीए विधायक स्थानीय लोगों से परामर्श करेंगे और यदि प्रस्तावों को निर्दिष्ट अवधि के भीतर लागू नहीं किया जाता है तो कार्रवाई का तरीका तय करेंगे।

Manipur कैबनेट ने ताजा हिंसा वाली 3 घटनाओं की जांच NIA को सौंपना तय किया…
एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले के तहत Manipur के एन. बीरेन सिंह की कैबिनेट ने राज्य में हुई हिंसा के नए मामलों की जांच राष्ट्रीय एजेंसी से कराने एवं तदनुसार प्रभावी कार्रवाई करने का फैसला लिया है। इसके तहत ताजा हिंसा के 3 मामलों को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपने का फैसला लिया गया है।
इनमें पहला मामले 11 नवंबर को जिरीबाम में हुआ आतंकी हमला का है। उसमें नागरिक का अपहरण, उन्हें बंधक बनाना और फिर हत्या करना शामिल है। दूसरा मामला बीते 7 नवंबर का है जिसमें जिरीबाम में हमार जनजाति की एक महिला की हत्या (संदिग्ध मैतेई उग्रवादियों के हमले में) कर दी गई थी।
तीसरा मामला बीते 9 नवंबर का है जिसमें इंफाल घाटी जिले के बिष्णुपुर में मैतेई समुदाय की एक महिला किसान की हत्या कर दी गई थी।

Manipur में ताजा हिंसा में 9 नागरिकों और 10 कुकी उग्रवादियों के मारे जाने की पुष्टि…
कैबिनेट की बैठक में पुष्टि की गई कि फिर से सुलगी हिंसा में राज्य में 9 और लोगों की जान जा चुकी है। साथ ही, जिरीबाम जिले में सुरक्षा बलों ने 10 कुकी उग्रवादियों को भी मार गिराया है। मारे गए नागरिकों में एक ही परिवार के छह सदस्य शामिल थे जो सभी मैतेई समुदाय के आंतरिक रूप से विस्थापित लोग थे।
उनमें एक आठ महीने का शिशु, एक दो वर्षीय लड़का और एक आठ वर्षीय लड़की शामिल थी। उनको बीते 11 नवंबर को कुकी उग्रवादियों द्वारा बंधक बनाए जाने के बाद मार दिया गया था। बाद में असम के पड़ोसी जिले में नदी में बीते शुक्रवार को शिशु सहित तीन शव मिले थे। बाद में बीते शनिवार और सोमवार के बीच 3 और शव भी बरामद हुए।
उन शवों का पोस्टमार्टम हो चुका है, लेकिन पूरी रिपोर्ट अभी साझा नहीं की गई है।
बताया जा रहा है कि बीते 11 नवंबर को जिरीबाम के बोरोबेकरा में हमला करने से पहले कम से कम दो दर्जन संदिग्ध कुकी उग्रवादी दो समूह में बंट गए थे। एक समूह ने नागरिकों को बंधक बना लिया और दूसरे ने घरों में तोड़फोड़ और आगजनी की।
सीआरपीएफ कैंप पर हमला करने वाले समूह के 10 उग्रवादियों को मार गिराया गया जबकि उनके बारे में कुकी जनजातियों का दावा है कि वे 10 लोग गांव के स्वयंसेवक थे।

Manipur सरकार के पारित प्रस्ताव में राज्य मंत्रिमंडल के बीते 16 नवंबर का बयान भी शामिल
बीते सोमवार की रात राज्य कैबिनेट में पारित प्रस्ताव में बीते 16 नवंबर को राज्य मंत्रिमंडल द्वारा दिए गए एक बयान को स्वीकार किया गया, जिसमें कहा गया था कि थाडू और हमार जनजातियों तथा मेइतेई समुदाय के बीच शांति प्रक्रिया ने अभी-अभी लाभ देना शुरू किया है तथा सभी पक्ष सामान्य स्थिति में लौटने के लिए सकारात्मक प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
रोंगमेई नागा जनजाति ने भी संकट के शीघ्र अंत के लिए मजबूत समर्थन व्यक्त किया है। हालांकि, राज्य मंत्रिमंडल ने कहा था कि वह कुछ निहित स्वार्थी समूहों द्वारा शांति प्रक्रिया को पटरी से उतारने से निराश है।
बीते 16 नवंबर के बयान में कहा गया था कि ‘कुकी उपद्रवियों’ ने बीते 19 अक्टूबर को जिरीबाम जिले में कई घरों को जला दिया और बोरोबेकरा पुलिस स्टेशन पर हमला किया। फिर बीते 26 अक्टूबर को ‘कुकी उपद्रवियों’ ने उसी जिले के मौलकांगथोल गांव में फिर से एक घर को आग लगा दी।
उसके बाद बीते 3 नवंबर को जिरीबाम पुलिस ने चंद्रपुर रानी वेंग बाबूपारा से एक वैफेई महिला को बचाया और उसे उसके परिवार को सौंप दिया। उसके बाद बीते 7 नवंबर को मीतेई उपद्रवियों ने ज़ैरावन गांव में एक हमार महिला की हत्या कर दी और कई घरों को आग लगा दी।
उसी दिन, कुकी उपद्रवियों ने मोंगबंग मीतेई गांव पर बमों से हमला किया और बीते 11 नवंबर को सीआरपीएफ ने बोरोबेकरा पुलिस स्टेशन पर कुकी उग्रवादियों के सशस्त्र हमले का प्रभावी ढंग से मुकाबला किया जिसमें एक राहत शिविर था।
Highlights