डिजीटल डेस्क : ‘Zero Tolerance Policy से अपराध को बड़प्पन मामने वालों को हो रही परेशानी’। CM Yogi आदित्यनाथ ने रविवार को गोरखपुर में कहा कि अतीत में यूपी में अपराध और अपराधियों का ऐसा बोलबाला था कि निवेश से उद्यमी घबराते थे।
अब बीते साढ़े 7 साल में निवेश और निवेशकों को भयमुक्त माहौल देने के लिए Zero Tolerance की नीति अपनाई तो चौंकाने वाले अंदाज में निवेश आने शुरू हुए हैं।
CM Yogi ने कहा कि –‘सुरक्षा के इस शानदार माहौल से, अपराध और अपराधियों के प्रति Zero Tolerance नीति से उन लोगों और उनके आकाओं परेशानी होती है, जिनके लिए अपराध ही पेशा था और जो अपराध करने को ही बड़प्पन मानते थे। सरकार कानून व्यवस्था को लेकर Zero Tolerance के लिए प्रतिबद्ध है क्योंकि इससे ही वर्तमान सुरक्षित रहेगा और बेहतर भविष्य के लिए वर्तमान का सुरक्षित रहना आवश्यक है’।
CM Yogi बोले – अब निवेश का बेहतरीन डेस्टीनेशन बना यूपी
रविवार को गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के समीप बस रहे औद्योगिक गलियारे में गोरखपुर इंडस्ट्रीयल एरिया (गीडा) के सेक्टर 27 में बहुराष्ट्रीय कंपनी पेप्सिको की फ्रेंचाइजी मेसर्स वरुण बेवरेजेज के 1170 करोड़ रुपये के निवेश से लगी यूनिट (शीतल पेय बॉटलिंग एवं डेयरी उत्पाद संयंत्र) का औपचारिक उद्घाटन करने के बाद CM Yogi आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे।
CM Yogi आदित्यनाथ ने कहा कि –‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवाओं का आह्वान किया है कि वे नौकरी की बजाय उद्यमिता पर अधिक ध्यान दें। रोजगार के लिए और अधिक अवसर पाने के लिए उद्यमिता सबसे महत्वपूर्ण माध्यम है।
आधुनिक विकास की नई ऊंचाइयों को छूने वाले जिन देशों ने उद्यमिता, शोध और नवाचार पर ध्यान दिया है, वही देश आर्थिक परिदृश्य में केंद्र बिंदु में हैं। युवाओं के रोजगार के लिए, जन आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए जो अवसर चाहिए उनमें निवेश सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। सुखद स्थिति है कि बीते सात साल में उत्तर प्रदेश निवेश का बेहतरीन गंतव्य बन चुका है।
…2017 में जब पहली बार उनकी सरकार बनी तो उत्तर प्रदेश में निवेश की संभावनाओं को तलाशने के लिए टीम को लगाया गया। टीम ने रिपोर्ट दी कि प्रदेश में 20 हजार करोड़ रुपये का निवेश आ सकता है।
तत्समय 23 करोड़ की आबादी वाले राज्य में मात्र 20 हजार करोड़ के निवेश को लेकर बताया गया कि यूपी में निवेश कौन करेगा ? इस सवाल को चुनौती के रूप में हमने स्वीकार किया और संकल्प लिया कि उत्तर प्रदेश को ऐसा बनाएंगे, जहां देश और दुनिया के निवेशक निवेश करने आएंगे।
इसके लिए जिस स्पीड में काम किया गया उसका परिणाम रहा कि फरवरी 2023 में हुए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में यूपी को 40 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले’।
‘याद है ना, गोरखपुर के गीडा में 1998 तक उद्योग का नाम तक नहीं था…’
CM Yogi आदित्यनाथ ने आगे कहा कि -‘इनमें से 10 लाख करोड़ के निवेश प्रस्तावों का पीएम मोदी की उपस्थिति में हुए ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में शिलान्यास हो चुका है जबकि 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव धरातल पर उतरने के लिए पाइप लाइन में हैं।
गीडा के शिलान्यास के बाद 1998 तक उद्योग लगने का नाम तक नहीं था। धरना प्रदर्शन, लाठी चार्ज, गोली चलने से कोई निवेश के लिए आना नहीं चाहता था। इन समस्याओं का समाधान किया गया, निवेशकों से संवाद बढ़ाया गया।
परिणाम है कि बीते तीन-चार सालों में ही गीडा में 12 हजार करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है। निवेश को धरातल पर उतारने के लिए लैंड बैंक, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस का बेहतरीन होना जरूरी है। सरकार ने इन सब पर पूरा ध्यान दिया।
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए डिजिटल प्लेटफार्म तैयार किए। निवेश मित्र पोर्टल जहां 450 से अधिक एनओसी के लिए सिंगल विंडो प्लेटफार्म है तो वहीं निवेश सारथी से निवेश एमओयू की मॉनिटरिंग होती है और जब निवेश धरातल पर उतर जाता है तो निवेशकों को इंसेंटिव देने के लिए भी ऑनलाइन व्यवस्था है।
साथ ही निवेशकों की समस्याओं के समाधान के लिए सीएम फेलो को भी लगाया गया है। जब सुगमता से कार्यक्रम आगे बढ़ते हैं तो निवेश और रोजगार सृजन भी दिखता है।
गीडा में आईजीएल, गैलेंट, अंकुर उद्योग, केयान डिस्टिलरी, ज्ञान डेयरी, तत्वा प्लास्टिक ने भी निवेश किया है। गीडा की तरफ से प्लास्टिक पार्क, फ्लैटेड फैक्ट्री और रेडीमेड गारमेंट पार्क का काम भी युद्ध स्तर पर आग बढ़ाया जा रहा है‘।
गोरखपुर में पराली से ऐथनाल – ग्रीन एनर्जी बनाने पर काम शुरू, बन रहे बेहतर डेयरी प्रोडक्ट भी
CM Yogi ने कहा कि -‘धुरियापार में सीबीजी प्लांट की स्थापना हो चुकी है। यहां पराली से एथेनाल बनाने के साथ ग्रीन एनर्जी की तरफ कदम बढ़ा दिया गया है। अब धुरियापार को बड़ा औद्योगिक क्षेत्र बनाने की कार्यवाही भी आगे बढ़ाई जा रही है।
आज यूपी के पास एक्सप्रेसवे का संजाल है। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे से इस क्षेत्र की जनता और उद्यमियों को काफी सहूलियत होगी।
वरुण बेवरेजेज ने बेहतरीन डेयरी प्रोडक्ट बन रहे हैं। अभी स्थानीय स्तर पर पर्याप्त दूध न मिल पाने से प्लांट के लिए दूध बाहर से मंगाना पड़ रहा है।
इस दिक्कत को देखते हुए सरकार ने बुंदेलखंड की बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर की तर्ज पर महिलाओं का समूह बनाने के लिए 20 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है। इसे तत्काल आगे बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि वरुण बेवरेजेज को दूध गोरखपुर, बस्ती और आजमगढ़ मंडल के जिलों से ही मिलने लगे। इससे किसानों की आय कई गुना बढ़ेगी और पशुधन भी बचेगा’।