रांची: श्रावण मास को भगवान शिव के प्रसन्न करने का सबसे उपयुक्त माह माना जाता है, और इस माह में भोलेनाथ की पूजा की विधि-विधान से अनुष्ठान किया जाता है। पूरे माह भर में शिवलिंग पर जलाभिषेक किया जाता है और बेल पत्र चढ़ाया जाता है। विशेषकर, प्रत्येक सोमवार को अपना अलग महत्व होता है।
मलमास की शिवरात्रि भी आज है, जिसमें सावन माह का छठा सोमवार और अधिक मास (मलमास) का आखिरी सोमवार का व्रत मनाया जाता है। 16 अगस्त को मलमास समाप्त होगा। इस विशेष दिन पर देश भर के शिवालयों में भक्तों की भीड़ दिखाई देती है।
देवघर बाबा धाम में राजकीय श्रावणी मेला भी लग रहा है, जहां भक्त श्रद्धालु भाग ले रहे हैं। सोमवार को सुबह 4 बजकर 8 मिनट पर मंदिर के कपाट खोल दिए गए और अर्घा सिस्टम से जलाभिषेक शुरू हो गया है। लंबी कतार में श्रद्धालु बाबा का जलाभिषेक करने का इंतजार कर रहे हैं। प्रशासन सुरक्षा के बारे में भी चिंतित है, जो भक्तों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मुस्तैद है।
दुमका के बासुकीनाथ धाम में भी सोमवार के अवसर पर भक्तों की भीड़ है। वहां भी श्रद्धालुओं की लंबी कतार दिखाई देती है, जिन्होंने बाबा भोलेनाथ की पूजा के लिए जल स्नान और ध्यान किया है। प्रबंधन और प्रशासन द्वारा भी भक्तों की सुरक्षा की व्यापक व्यवस्था की गई है।
इसके साथ ही, प्रदेश के विभिन्न शिवालयों में जैसे खूंटी के आम्रेश्वर धाम, रांची के पहाड़ी मंदिर, बगोदर शिव मंदिर और हरिहर धाम में भी भक्त अहले सुबह से बाबा भोलेनाथ की पूजा और अर्चना कर रहे हैं। भक्तों की अपार संख्या को देखकर, मंदिर प्रबंधन और प्रशासन ने व्यापक व्यवस्था को सुनिश्चित किया है। बाबा की ओर से जलार्पण के लिए कांवरियों का उत्साह भी दिखाई देता है।