कल का 8 सीट तय करेगा बिहार के सियासी दलों का राजनितिक भविष्य

कल का 8 सीट तय करेगा बिहार के सियासी दलों का राजनितिक भविष्य

एसके राजीव

पटना : लोकसभा चुनाव-2024 अब अपने अंतिम चरण में है। 25 मई की छठे और एक जून को अंतिम चरण का मतदान होगा। छठे चरण में वाल्मिकि नगर, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, शिवहर, वैशाली, गोपालगंज, सीवान और महराजगंज में कल वोटिंग होना है। इस लोकसभा चुनाव के छठे चरण में एक तरफ जीत का छक्का लगा चुके उम्मीदवार सातवीं बार सांसद बनने के दौर में है तो कई ऐसे है जो पहली बार चुनाव मैदान में उतरे है। इस चरण के 1.49 मतदाता 86 प्रत्याशियों का राजनितिक भविष्य तय करेगा।

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6वें चरण में 86 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं

बिहार लोकसभा के 6वें चरण में होने वाले मतदान में तो वैसे 86 प्रत्याशी चुनाव मैदान में है लेकिन कई ऐसे है जो दबंग है तो कई बाहुबली भी हैं। पूर्वी चंपारण सीट से राधामोहन सिंह सातवीं बार सांसद बनने के लिए मैदान में है तो वहीं पश्चिमी चंपारण से डॉ. संजय जायसवाल जीत की हैट्रिक लगाने की जुगत में है। शिवहर लोकसभा सीट से बाहुबली नेता आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद चुनाव लड़ रही हैं तो सीवान से मोहम्मद शाहबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब अपनी किस्मत आजमा रही हैं। इतना ही नहीं किसी जमाने में अंडरवर्ल्ड से पहचान रखने वाले मुन्ना शुक्ला वैशाली सीट से ताल ठोंक रहे हैं

छठे चरण में 8 सीटों के मतदान पर सीधा मुकाबला

बिहार लोकसभा के 6वें चरण में हो रहे आठ सीटों के मतदान में सीधा मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के बीच दिख रहा है। सीवान लोकसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला है। वह हिना शहाब, जदयू के विजय लक्ष्मी और महागठबंधन के अवध बिहारी चौधरी के बीच सीधा मुकाबला है। इसमें जो भी चुनाव जीतेंगे वो पहली बार लोकसभा पहुंचेंगे। शिवहर लोकसभा क्षेत्र से दो दिग्गज महिला चुनाव मैदान में हैं। जदयू ने लवली आनंद को वहां से अपना उम्मीदवार बनाया है तो वही राजद ने रितु जायसवाल पर अपना दांव खेला है। महराजगंज लोकसभा सीट की लड़ाई भी काफी दिलचस्प है। वहां से भाजपा के प्रत्याशी जनार्दन सिंह सिग्रीवाल का मुकाबला कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह के पुत्र आकाश कुमार सिंह से सीधा मुकाबला है। अगर आकाश चुनाव जीतते है तो वो भी पहली बार लोकसभा पहुंचेंगे।

हर दल के प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला तो चार जून को जनता करेगी लेकिन यह लोकसभा चुनाव कई मायनो में अहम है। इसमें कई नए चेहरे है तो कई पुराने चेहरे हैं। अगर पुराना चेहरा कोई भी हारता है तो उनकी पोलिटिकल डेथ मानी जाएगी और जो जीतते हैं तो उनकी बल्ले बल्ले होगी।

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