विचाराधारा से दूर संपत्ति अर्जन में जुटे हैं नक्सलियों के टॉप कमांडर

Palamu-पलामू में अब नक्सलियों की प्रतिबद्धता विचारधारा के प्रति के नहीं रह कर संपत्ति अर्जन की हो गयी है. नक्सली अपनी ही मूल विचारधारा से दूर होते जा रहे है. नक्सलियों का टॉप कमांडर आदिवासियों, गरीब किसानों और मजदूरों को उनका हक दिलाने के बजाए निजी संपत्ति जुटाने की होड़ में जुटे हुए है. यह कहना पलामू में पदस्थापित आईपीएस के विजय शंकर का.

यह खबर झारखंड सरकार के लिए राहत भरी है कि टॉप कमांडरों द्वारा संपत्ति अर्जित करने की होड़ के कारण संगठन में भर्ती की प्रक्रिया धीमी पड़ गयी है. नक्सलियों के कोर ग्रुप में यह सवाल यश प्रश्न बन कर खड़ा है कि संगठन के टॉप कमांडर विचारधारा को पीछे छोड़ संपत्ति अर्जन के पीछे क्यों चल पड़े हैं.

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पिछले दो साल में ऐसे दर्जनभर केस प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने आए हैं, जिनमें कई टॉप कमांडर नक्सलियों की करोड़ों रुपये की चल-अचल संपत्ति जब्त की गई है.

आईपीएस के विजय शंकर द्वारा कमान संभालने के बाद नक्सलियों की कमर टूट चुकी है. कई  टॉप कमांडर तो जंगल छोड़ शहर में छुप गए हैं. अभी हाल ही में पलामू के भवानी भुइयां ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करते वक्त्त टॉप कमांडरों पर संपत्ति जुटाने का आरोप लगाया था.

सदर एसडीपीओ, आईपीएस के विजय शंकर ने बताया कि नक्सली विचारधारा से हटकर लूट, डकैती और संपत्ति अर्जन में लगे हुए है. उन्होने ने नक्सलियों से आत्म समर्पण करने की अपील करते हुए मुख्यधारा से जुड़ने का आग्रह किया

 

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