Tyre Recycling Plant से लोगों की जान पर आफत, डीएम से लगाई बंद करने की गुहार

Tyre Recycling Plant

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पटना: वैसे तो राज्य में नए कल कारखाने लगाने की मांग काफी है लेकिन कुछ ऐसे भी पुराने कल कारखाने हैं जो लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। ऐसे कल कारखानों को बंद करने के लिए लोग हरसंभव कोशिश करते दिखाई देते हैं। ऐसे कल कारखाने या तो अवैध रूप से संचालित होते हैं या फिर सरकारी नियमों को ताक पर रख कर। ऐसा ही मामला सामने आया है दरभंगा से जहां एक Tyre Recycling Plant का स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं और इसे बंद करने की मांग कर रहे हैं।

लोगों का कहना है कि इस प्लांट का संचालन सरकारी नियमों को ताक पर रख कर की जा रही है। इस प्लांट की वजह से आसपास के लोग जहरीली गैस सांस ले रहे हैं और बीमार भी पड़ रहे हैं। लोगों ने बताया कि टायर रीसाइक्लिंग प्लांट से निकली जहरीली धुआं को साफ करने का कोई उपाय प्लांट संचालक की तरफ से नहीं की गई है जिसकी वजह से आसपास के गांवों में जहरीली धुआं फ़ैल रही है और लोगों में एलर्जी, दमा और टीबी कैंसर जैसी घातक बीमारियां फ़ैल रही है। कई लोग बीमार हो कर अस्पताल पहुंच चुके हैं।

ग्रामीण हैं परेशान
ग्रामीणों ने बताया कि प्लांट से निकलने वाले जहरीले धुएं से आसपास के गांव के लोग काफी परेशान हैं। लोगों का जहरीली धुआं की वजह से दम घुटता है। यह धुआं सिर्फ लोगों के स्वास्थ्य के लिए ही नहीं बल्कि पेड़ पौधों के लिए भी हानिकारक है। लोगों को खास कर परेशानी तब होती है जब हवा का दबाव कम होता है तब यह धुआं और तेजी से गांवों में फैलता है जिससे लोगों को साँस तक लेने में परेशानी होती है। इस प्लांट को बंद करवाने या फिर जहरीली धुआं को साफ करने की मांग को लेकर अधिकारियों से कई बार गुहार भी लगाई लेकिन किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई।

जिलाधिकारी ने कहा
मामले में जब जिलाधिकारी राजीव रौशन से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मीडिया के माध्यम से मामले की जानकारी मिली है। जल्दी ही एक टीम प्लांट की जांच के लिए जाएगी। जांच की जाएगी कि प्लांट अवैध है या वैध और सरकारी नियमों के अनुरूप चल रहा है या नहीं। खास कर टायर जलाने वाले प्लांट के लिए बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुमति लेना अत्यंत जरूरी है।

यह भी जांच की जाएगी कि टायर जलाने की अनुमति प्रदूषण बोर्ड से ली गई है या नहीं। अगर कुछ भी नियम के विरुद्ध हुआ तो फिर मामले में कार्रवाई की जाएगी। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जायेगा कि स्थानीय लोगों को इस प्लांट से किसी प्रकार की हानि नहीं हो।

सड़क बनाने में होता है उपयोग
बता दें कि टायर जला कर उससे निकले लिक्विड का प्रयोग सड़क बनाने में प्रयोग किया जाता है। बाजार में इस तेल की कीमत करीब 45 से 50 रूपये प्रति लीटर है जबकि पुरानी टायर मात्र 12 से 14 रूपये प्रति किलो मिल जाता है।

नए टायर रीसायकल प्लांट पर है रोक
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार फ़िलहाल नए टायर रीसायकल प्लांट लगाने पर रोक लगा दी गई है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पुराने टायर रीसाइक्लिंग प्लांट के लिए भी कई नियम और शर्तें लागू की है जिसके अनुरूप ही प्लांट चलाया जा सकता है। नियम के अनुसार प्लांट के आसपास प्रदूषण के असर कम करने के लिए हवा साफ करने के लिए यंत्र लगाना अत्यावश्यक है।

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दरभंगा से वरुण कुमार की रिपोर्ट

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