पुल निर्माण की अनोखी कहानी, 20 साल बाद भी नहीं शुरू हुआ परिचालन, ग्रामीण नदी से ही करते हैं आना जाना

पुल निर्माण की अनोखी कहानी, 20 साल बाद भी नहीं शुरू हुआ परिचालन, ग्रामीण नदी से ही करते हैं आना जाना

नालंदा : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह क्षेत्र नालंदा में पुल निर्माण की एक अनोखी कहानी है। करीब 20 साल बीत जाने के बाद भी आज तक उसपर परिचालन शुरू नहीं कराया जा सका है। नालंदा के ननौर गांव में 20 साल पुराना यह पुल है। ग्रामीणों को नोनिया नदी पार कर आना जाना करना पड़ता है। अस्थावां विधानसभा के बिंद प्रखंड के ननौर गांव में सन 2000 में तत्कालीन विधायक सतीश कुमार के द्वारा लाखों रुपए की लागत से नोनिया नदी पर एक पुल का निर्माण कार्य कराया गया था। पुल निर्माण कार्य के पूरा होने के बाद आज तक इसमें अप्रोच पथ को नहीं जोड़ा गया है। जिसके कारण पिछले 20 सालों से यह पुल को चालू नहीं किया गया है।

सरकार और ग्रामीण कार्य विभाग की उदासीनता के कारण आज दर्जनों गांव के हजारों ग्रामीणों को बरसात के वक्त बरबीघा जाने के लिए नोनिया नदी को तैरकर पार कर जाना पड़ता है। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि इस समस्या को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं ग्रामीण कार्य विभाग के अन्य पदाधिकारी को इसकी जानकारी दी गई लेकिन सभी ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया। वहीं इलाके के स्थानीय लोगों ने बताया कि अगर इस पुल को अप्रोच पथ से जोड़ दिया जाता है तो इस ननौरा गांव से बरबीघा की दूरी महज छह किलोमीटर हो जाएगी। फिलहाल बरबीघा जाने के लिए सैकड़ो ग्रामीणों को 40 किलोमीटर की दूरी तय करना पड़ रहा है।

यह भी पढ़े : नदी की तेज धार में बह गई किशोरी, दूसरे दिन मिला शव

यह भी देखें :

राजा कुमार की रिपोर्ट

Share with family and friends: