डिजीटल डेस्क : UP – विधानसभा में योगी सरकार का खुलासा – पूर्व नियोजित नहीं थी माफिया अतीक की हत्या। यूपी में साल 2023 में प्रयागराज पुलिस की गिरफ्त में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई की हुई हत्या के मामले में सरकार ने न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट बृहस्पतिवार को विधानसभा के पटल पर पेश कर दी। इसके मुताबिक, दोनों की हत्याएं पूर्व नियोजित नहीं थीं और ना ही उसमें यूपी पुलिस की ओर से किसी भी स्तर पर लापरवाही रही थी। साथ ही सदन को बताया गया कि वह हत्याकांड ऐसा था जिसे टाला नहीं जा सकता था।
न्यायिक आयोग की जांच में यूपी पुलिस को मिली क्लीन चिट
विधानसभा में बृहस्पतिवार को पेश न्यायिक जांच रिपोर्ट को पढ़ें तो उसके मुताबिक, हिरासत में रहने के दौरान माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के मामले में अब तक शक के दायरे में रही यूपी पुलिस को बड़ी राहत मिली है। न्यायिक आयोग की जांच रिपोर्ट में यूपी पुलिस को क्लीन चिट दी गई है। न्यायिक आयोग ने अपनी जांच में माना है कि दोनों माफिया की हत्या पूर्व नियोजित नहीं थी और उस समय प्रयागराज पुलिस की गिरफ्त में रहे दोनों माफिया की सुरक्षा को लेकर पुलिस ने कोई लापरवाही नहीं बरती गई। साथ रिपोर्ट के मुताबिक, तब हालात ही ऐसी बने थे कि घटना को टालना संभव नहीं था।
स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने सदन में पेश की न्यायिक आयोग की रिपोर्ट
विधानसभा में गुरुवार को स्वास्थ्य राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने माफिया अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ अहमद और अतीक के बेटे असद व उसके साथी गुलाम के एनकाउंटर मामले में गठित जांच आयोग की रिपोर्ट पेश की। न्यायिक आयोग की रिपोर्ट में अतीक अहमद और अशरफ हत्याकांड में यूपी पुलिस को क्लीन चिट मिल गई। रिपोर्ट में बताया गया कि यूपी पुलिस के लिए उस घटना को टालना संभव नहीं था। बता दें कि अतीक अहमद और अशरफ की हत्या की जांच के लिए जो न्यायिक जांच टीम गठित की गई थी, उसमें झारखंड उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायमूर्ति अरविंद कुमार त्रिपाठी, पूर्व पुलिस महानिदेशक सुबेश कुमार सिंह, इसके अलावा सेवानिवृत जिला जज बृजेश कुमार सोनी शामिल थे।
प्रयागराज में 15 अप्रैल 2023 को हुई थी अतीक-अशरफ की हत्या
यूपी की सियासत में काफी चर्चा में रहने माफिया बंधु की पुलिस हिरासत में हुई हत्या के पीछे की पृष्ठभूमि को देखना जरूरी है। न्यायिक आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी के प्रयागराज में वकील उमेश पाल की हत्या का आरोप माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद पर लगा था। उमेश पाल की हत्या को अतीक के बेटे असद और उसके गुर्गों ने अंजाम दिया था। प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में दिनदहाड़े घर के सामने ही उमेश पाल गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। वारदात के समय अतीक गुजरात के साबरमती जेल में बंद था, जबकि अशरफ यूपी के ही बरेली जेल में बंद था। उस हत्या की साजिश रचने का आरोप अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ पर लगा था तो दोनों की क्राइम कुंडली पुलिस ने खोली और प्रयागराज में पेशी होने लगी। उसी क्रम में 15 अप्रैल 2023 को मेडिकल के लिए अस्पताल पहुंचे अतीक अहमद और अशरफ पर मीडियाकर्मी के वेश में आए सनी सिंह, लवलेश तिवारी और अरुण मौर्य नाम के तीन लड़कों ने फायर झोंक दिया। गोली लगने से मौके पर अतीक और अशरफ की मौत हो गई थी।