पटना : जदयू में जारी घमासान थमने की बजाए और तेज होता जा रहा है. नीतीश कुमार के खिलाफ बगावत का झंडा उठाने वाले उपेंद्र कुशवाहा ने पार्टी संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष के नाते बैठक बुला दी है. ये बैठक सिन्हा लाइब्रेरी में 19 और 20 फरवरी 2023 को सुबह 11 बजे से होगी.
19 और 20 फरवरी 2023 को सिन्हा लाइब्रेरी में बुलाई बैठक
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के तौर-तरीकों पर एक बार फिर से सवाल उठाते हुए उन्होने ट्विट कर बैठक का एजेंडा बताया. उपेंद्र कुशवाहा ने जदयू के लेटरपैड पर अपने हस्ताक्षर के साथ लिखा पत्र साझा किया.
इसमें जदयू के लगातार कमजोर होने की बात कही गई है.

उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि पार्टी के हालातों से वो लगातार नीतीश कुमार को अवगत कराते रहे हैं लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई.
नतीजा ये हुआ कि पार्टी धीरे-धीरे अपना अस्तित्व खोती जा रही है.
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि पार्टी में न सिर्फ उपेक्षा की गई बल्कि उनके द्वारा कही गई बातों का गलत मतलब भी निकाला गया.
बैठक में राजद के साथ नीतीश कुमार की डील को लेकर चर्चा
उपेंद्र कुशवाहा ने राजद के साथ नीतीश कुमार की डील का भी जिक्र किया है.
कुशवाहा ने कहा कि डील की बात ने पार्टी कार्यकर्ताओं ही नहीं आम लोगों को भी झकझोर कर रख दिया है.
ऐसे में राजनीतिक शून्यता की स्थिति बनती जा रही है.
उन्होने कहा कि इस परिस्थिति से निपटने के लिए विमर्श जरूरी है इसलिए बैठक बुलाई है.
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि यदि पार्टी बिखर गई तो उन करोड़ों लोगों का क्या होगा जिन्होने पार्टी को खड़ा करने के लिए कष्ट उठाए हैं और कुर्बानियां दी है.
पिछले कुछ समय से उपेंद्र कुशवाहा पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर लगातार हमला बोल रहे है.
खासकर जबसे राजनीतिक हलकों में नीतीश कुमार की राजद के साथ डील और जदयू के उसमें विलय की चर्चा शुरू हुई.
इसके जवाब में नीतीश कुमार साफ-साफ कह चुके हैं कि उपंद्र कुशवाहा जहां जाना चाहें वहां जा सकते हैं.
लेकिन उपेंद्र कुशवाहा का कहना है कि अपना हिस्सा लिए बिना वो कहीं नहीं जानेवाले हैं.