झारखंड बोर्ड की दसवीं और बारहवीं की परीक्षाओं में बड़ी संख्या में छात्रों को फेल किये जाने के मुद्दे ने तूल पकड़ लिया हैं। पूरे राज्य में छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी हैं, झारखंड में जैक बोर्ड से नाराज छात्रों ने सोमवार को जैक परिसर के बाहर दिनभर हंगामा करने के बाद मंगलवार को भी जैक कार्यालय का घेराव किया। छात्रों के हंगामे को देखते हुए जैक चैयरमैन अरविंद कुमार सिहं ने फेल छात्रों को कंपार्टमेंटल परीक्षा में बैठने का विकल्प दिया मगर छात्र गलती सुधारने की मांग पर अड़े हैं।
गौरतलब है कि कोरोना महामारी की वजह से नौंवी के नतीजों के आधार पर दसवीं और 11 के नतीजों के आधार पर प्लस टू का रिजल्ट जारी किया गया हैं, जिसमें बडी संख्या में छात्र फेल घोषित किये गये हैं। फेल छात्रों के कहना है कि नौवीं और ग्यारहवीं की परीक्षाओं में बेहतर नतीजे होने के बाद भी उन्हें फेल घोषित किया जाना जैक बोर्ड की लापरवाही और उनके भविष्य से खिलवाड़ हैं।
धनबाद के लक्ष्मी नारायण महिला महाविद्यालय की छात्राओं ने कॉलेज के सामनें सर्कुलर रोड पर उतर कर सोमवार को रोड जाम किया था। छात्राओं ने आरोप लगाया कि वैश्विक महामारी कोरोना काल के दौरान किसी सेमेस्टर का परीक्षा नहीं लिया गया तो फिर छात्राओं को किस आधार पर फेल कर दिया गया। जमशेदपुर के ग्रेज्युट कॉलेज की है छात्राओं का कहना है कि जब फेल करना था तो एग्जाम कैंसिल क्यों किया गया। छात्राओं ने आगे का विकल्प के लिए के लिए सुधार की मांग की है।
वहीं इस मसले पर जैक की दलील है कि नवीं और ग्यारहवीं के आधार पर दसवीं और बारहवीं के थ्योरी पेपर के अंक जैक के तरफ से दिये गये हैं, मगर प्रैक्टिकल और इंटरनल एसेसमेंट के अंक छात्रों के स्कूल और कालेज की तरफ से दिये गये हैं, जैक बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट के दिये फार्मूले के आधार पर रिजल्ट जारी करने का हवाला देते हुए अपने हाथ खड़े कर दिये हैं, वहीं पूरे राज्य भर के छात्र सुधार की मांग को लेकर आंदोलन पर उतारू हैं, ऐसे में देखनेवाली बात होगी कि राज्य सरकार पूरे मामले का क्या कुछ समाधान निकालती है।