प्रयागराज : महाकुंभ में भगदड़ हादसे से सबक लेकर बसंत पंचमी वाले अमृत स्नान के लिए VVIP सुविधा रद्द। महाकुंभ 2025 के दौरान मौनी अमावस्या पर संगम त्रिवेेणी में पुण्य स्नान को उमड़े श्रद्धालुओं के सैलाब के दौरान बीते मंगलवार-बुधवार के मध्य रात को हुए भगदड़ हादसे के बाद मेला व्यवस्था क्षेत्र में कुछ अहम बुनियादी बदलाल तत्काल प्रभाव से लागू किए जा रहे हैं।
इस क्रम में सबसे अहम VVIP सहूलियत एवं सुविधा को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाना शामिल है। इसका मकसद यह है कि दोबारा भीड़ अनियंत्रित न हो सके एवं गतिमान रहते हुए स्नान करने के बाद मेला क्षेत्र से भीड़ के निकास का क्रम निरतंरता में बना रहे। इसके लिए भीड़ प्रबंधन के माहिर अधिकारियों एवं सरकारी स्टॉफ को मैदान में बीते बुधवार से ही उतार दिया गया है।
गुरूवार की सुबह तक मेला क्षेत्र में व्यवस्था काफी कुछ सुचारू हो चली है लेकिन भीड़ का रेला अब भी बना हुआ है। मेला क्षेत्र से स्नान कर निकलने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षित निकासी पर विशेष फोकस है और श्रद्धालुओं के जत्थों के वाहनों को मेला क्षेत्र से काफी पहले ही सख्ती के साथ रुकवाने पर काम हो रहा है।
वाराणसी, जौनपुर समेत पड़ोसी जिलों से मेला क्षेत्र के लिए वाहनों का संचालन बंद करवाया गया एवं उन जिलों की ओर केवल मेला से निकासी वाले वाहनों का संचालन किया जा रहा है।
बसंत पंचमी के अमृत स्नान के लिए हुए 5 बड़े बदलाव
मौनी अमावस्या की रात महाकुंभ 2025 में जानलेवा भगदड़ हादसे से सबक लेते हुए प्रशासन ने 3 फरवरी को बसंत पंचमी के लिए व्यापक इंतजाम करना शुरू कर दिया है। महाकुंभ में मौनी अमावस्या जैसा न हो हादसा, इसलिए प्रशासन ने बसंत पंचमी के लिए कड़े इंतजाम किए हैं। महाकुंभ में प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए पांच बड़े बदलाव लागू किए हैं।
CM Yogi आदित्यनाथ के सख्त निर्देश के बाद पूरे मेला क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है, जिससे किसी भी प्रकार के वाहन को अंदर जाने की अनुमति नहीं होगी। मेला क्षेत्र पूरी तरह नो-व्हीकल जोन घोषित करते हुए सभी प्रकार के वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया है।
इसके साथ ही CM Yogi आदित्यनाथ के निर्देश पर मेला क्षेत्र में VVIP पास रद्द करते हुए किसी भी विशेष पास के जरिए वाहन को प्रवेश नहीं देने का निर्णय लिया गया है।

महाकुंभ में अब संगम में स्नान के लिए वन-वे व्यवस्था लागू…
श्रद्धालुओं के घाट पर स्नान को सुगम बनाने के लिए रास्ते वन-वे किए गए हैं। स्नान करने बाद जिस रास्ते से जाएंगे उस रास्ते से वापस अपने गंतव्य को नहीं आएंगे, बल्कि दूसरे रास्ते से लोग गंतव्य पहुचेंगे। 4 फरवरी तक सख्त प्रतिबंध लगाते हुए शहर में चार पहिया वाहनों की एंट्री पर पूरी तरह से रोक रहेगी।
भारी -भीड़ और ट्रैफिक को देखते हुए पड़ोसी राज्यों बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और एमपी के माल वाहक वाहनों को 31 जनवरी की सुबह तक यूपी के सीमावर्ती जिलों जैसे सोनभद्र, मीरजापुर, चंदौली, गाजीपुर और बलिया में प्रवेश की अनुमति नहीं देने का निर्देश दिया गया है।
प्रयागराज से सटे जिलों से आने वाले सवारी वाहनों को जिले की सीमा पर रोका जा रहा है। साथ ही रेलवे ने प्रयागराज आने वाली दर्जनों कुंभ विशेष ट्रेनों को 2 फरवरी तक निरस्त किया है।

CM Yogi ने भीड़ प्रबंधन के माहिर अधिकारियों और स्टाफ को मैदान में उतारा…
मौनी अमावस्या पर हुए हादसे ने पूरे तंत्र को हिलाकर रख दिया है। जहां सबकुछ व्यवस्थित और सुचारू ढंग से होना था, वहीं अचानक हुए भगदड़ में 30 लोगों की मौत ने शासन-प्रशासन को सकते में डाल दिया। यही कारण है कि CM Yogi आदित्यनाथ ने बुधवार तड़के से सीधे पूरे मामले पर पैनी नजर रखते हुए हर निर्देश और व्यवस्था को कड़ाई से पालन कराना सुृनिश्चित किया है।
VVIP सुविधाओं को निरस्त करते हुए तत्काल आम श्रद्धालुओं के सुगम संगम स्नान पर पूरे तंत्र को फोकस किया है। CM Yogi ने 3 फरवरी को बसंत पंचमी के अवसर पर होने वाले अमृत स्नान से पहले तत्काल व्यवस्था को जमीनी स्तर पर लागू करने के लिए गुरूवार को ही मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक गुरुवार को महाकुंभ मेला क्षेत्र की व्यवस्थाओं की समीक्षा करने के लिए प्रयागराज भेज दिया है।

बताया जा रहा है कि लखनऊ से सीनियर आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को तत्काल प्रयागराज महाकुंभ भेजा गया है। खासकर उनअधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है जो प्रयागराज में तैनात रह चुके हों या फिर क्राउड मैनेजमेंट (भीड़ प्रबंधन) करने में माहिर माने जाते हैं।
इसी क्रम में प्रयागराज में मंडल आयुक्त रहे यूपीपीसीएल के अध्यक्ष आशीष गोयल और इलाहाबाद विकास प्राधिकरण के वीसी रहे भानु चंद गोस्वामी को महाकुंभ भेजा गया है। इसके अलावा कई और सीनियर आईएएस अधिकारियों को भेजने की तैयारी है। आईपीएस सुजीत पांडेय सहित कई आईपीएस अधिकारियों को भी प्रयागराज भेजने की तैयारी है। इसी क्रम में ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए कुंभ करा चुके अधिकारियों की भी मदद ली जा रही है।
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