3 महीने से म्यांमार में बंधक बने हैं वाहिद और सहुद, परिवार ने सरकार से मांगी मदद

गोपालगंज : गोपालगंज के करीब 47 युवाओं को विदेश में बंधक बनाया गया है। वहीं बंधक बने युवकों से विदेशों में साइबर फ्रॉड का खोरखधंधा कराया जा रहा है। इसका विरोध करने पर उन्हें तरह तरह की यातनाएं दी जा रहीं है। गोपालगंज के हथुआ के फतेहपुर निवासी 23 वर्षीय वाहिद रौशन और सहुद अली पिछले तीन महीने से म्यांमार में बंधक बने हैं।

वाहिद रोशन के परिजनों का आरोप है कि म्यांमार में बंधक बनाए कुछ लोग उनसे साइबर फ्रॉड के लिए दबाव बना रहे हैं। वाहिद रौशन को पिछले 26 अक्टूबर को थाईलैंड के लिए भेजा गया था। काम के सिलसिले में थाईलैंड गए थे। वाहिद रोशन को 700 डॉलर में किसी चीनी युवक ने म्यांमार में बेच दिया गया और वहीं पर उसे चीनी लोगों के द्वारा ही बंधक बनाकर साइबर अपराध जैसे घटनाएं कराई जा रही है। वहीं वाहिद रौशन के चचेरे भाई सऊद अली को भी म्यांमार में बंधक बनाकर रखा गया है। जिसे साइबर अपराध करने का दबाव बनाया जा रहा है। साइबर फ्रॉड नही करने पर उनके साथ मारपीट किया जाता है।

हथुआ के फतेहपुर निवासी वाहिद रौशन के पिता रोशन अली बताते है कि उनके पुत्र वाहिद रौशन और भतीजा मो. साउद अली दोनों को यूपी के प्रयागराज के एजेंट सुरजीत कुमार यादव के द्वारा दिल्ली से थाईलैंड के मॉल में काम करने के लिए 26 अक्टूबर 2024 को टूरिस्ट वीजा का इंटरव्यू देकर थाइलैंड भेजा गया। जहां एयरपोर्ट पर उतरते ही एजेंट ने रिसीव किया और नदी के रास्ते मोटरबोट से म्यामार पहुंचा दिया। जहां पहले से पाकिस्तान, चीन और नेपाल के युवा साइबर फ्राॅड के धंधे में लगे हुए थे। इन युवकों को एजेंट ने चीन और पाकिस्तान के साइबर अपराधियों के हाथों बेच दिया है।

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रौशन अली अपने बेटे वाहिद रौशन और भतीजे सहुद अली की घर वापसी को लेकर गोपालगंज जिला प्रशासन से लेकर बिहार के सीएम नीतीश कुमार और पीएम नरेंद्र मोदी तक गुहार लगा चुके हैं। बेटे की वापसी को लेकर सब पीएम, सीएम और गृह मंत्री के पास ई-मेल और स्पीड पोस्ट भेजकर वतन वापसी का गुहार लगाया है लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुआ। वाहिद रोशन अली और सहुद अली के घर वालो का रो-रोकर बुरा हाल है। बहरहाल, अब देखना यह है कि केंद्र सरकार कब गोपालगंज के खाड़ी देश में फंसे युवाओं को वतन वापसी करवाती है।

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सुशील कुमार श्रीवास्तव की रिपोर्ट

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