रांची: राज्यभर में फरवरी के पहले सप्ताह से ही बढ़ती गर्मी ने दस्तक दे दी है। अधिकतम तापमान करीब 30 डिग्री तक पहुंच जाने से तापमान में इजाफा हुआ है, वहीं घर-महल्लों में लगे बोरवेल का जल स्तर तेजी से गिर रहा है। इस बीच, नगर निकायों द्वारा 4000 करोड़ रुपए की लागत से शुरू की गई जलापूर्ति योजना, जो कि 15 लाख लोगों को पाइपलाइन का पानी मुहैया कराने के लिए है, दो साल की देरी से अटक गई है।
मुख्य अड़चन एनओसी (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) प्राप्त करने में हो रही विफलता है। रांची, धनबाद, जमशेदपुर समेत विभिन्न शहरों में जलापूर्ति पाइप बिछाने और जल मीनार के निर्माण कार्य को एनएचएआई के अधिकारियों द्वारा लगातार टाल-मटोल का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा, पथ निर्माण विभाग, रेलवे, वन विभाग, डीवीसी और बीसीसीएल से भी आवश्यक एनओसी न मिलने के कारण कार्य ठप पड़ा हुआ है।
नगर निकाय के पदाधिकारियों ने पिछले तीन वर्षों में संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ दस से अधिक बैठकें कीं, परन्तु अंततः एनओसी प्राप्त करने में सफलता नहीं मिल सकी। इस वजह से गर्मी के इस दौर में लाखों लोगों को पाइपलाइन जल की सुविधा नहीं मिल पाने की चिंता बढ़ गई है।
संबंधित विभागों के बीच समन्वय की कमी को दूर करते हुए जल्द से जल्द एनओसी जारी करने की आवश्यकता जताई जा रही है, ताकि जनता को पानी की समस्या से राहत मिल सके।