पटना : बिहार के गांवों की सूरत अब तेजी से बदल रही है। खेत-खलिहान, गांव की गलियों और ग्रामीण बाजारों को जोड़ने वाले सड़क नेटवर्क में पिछले वर्षों में बड़ा परिवर्तन देखने को मिला है। बिहार ग्रामीण पथ अनुरक्षण नीति-2018 के तहत राज्य सरकार द्वारा निर्धारित 40,265 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों के रखरखाव और मरम्मति लक्ष्य में से अब तक 37,589 किलोमीटर लंबाई की 15,589 सड़कें चकाचक हो चुकी हैं।
सरकार का यह प्रयास केवल सड़क निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि इन सड़कों को लंबे समय तक बेहतर बनाए रखना भी प्रमुख लक्ष्य है
सरकार का यह प्रयास केवल सड़क निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि इन सड़कों को लंबे समय तक बेहतर बनाए रखना भी प्रमुख लक्ष्य है। यही कारण है कि ग्रामीण इलाकों में अब हर मौसम में आवागमन सुचारू रुप से चल रही है। चाहे वह किसानों की फसल बाजार तक पहुंचानी हो, बच्चों का स्कूल जाना हो या किसी आपात स्थिति में अस्पताल तक मरीज को पहुंचाना अब आसान और सुगम हो गया है।
ग्रामीण सड़कें बनीं विकास और सुरक्षा की नई राह
ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर सड़कों ने स्थानीय अर्थव्यवस्था को नई गति दी है। फसल, दूध और अन्य ग्रामीण उत्पाद अब तेजी से शहरों और बाजारों तक पहुंच रहे हैं। साथ ही, ये सड़कें कानून-व्यवस्था को मजबूत करने में भी अहम साबित हो रही हैं। बेहतर कनेक्टिविटी से पुलिस और आपदा राहत दलों को दूरस्थ इलाकों में पहुंचने में काफी आसानी हुई है।
योजना के तहत 16,174 सड़कों की मरम्मती की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है
इस योजना के तहत 16,174 सड़कों की मरम्मती की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है। जिनकी कुल लंबाई 40 हजार 265 किलोमीटर है। इनमें से 15 हजार 589 ग्रामीण सड़कों की मरम्मती का काम पूर्ण हो चुका है, जिसकी लंबाई 37 हजार 589 किलोमीटर है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दिशा-निर्देश के तहत बिहार ग्रामीण पथ अनुरक्षण नीति-2018 का उद्देश्य केवल ग्रामीण सड़कों का निर्माण करना ही नहीं, बल्कि उन्हें लंबे समय तक दुरुस्त रखना भी है। इस कार्यक्रम के तहत राज्य की ग्रामीण सड़कों और पुलों का नियमित रख-रखाव किया जा रहा है, ताकि पूरे साल हर मौसम में गांव के लोग इन रास्तों से आसान सफर कर सकें।
जिलों में पूर्वी चंपारण सबसे आगे
ग्रामीण सड़क मरम्मती के मामले में पूर्वी चंपारण राज्य में पहले स्थान पर है। यहां चयनित 957 सड़कों में से 918 का कायाकल्प पूरा हो चुका है, जिसकी कुल लंबाई 2,392 किमी है। दूसरे स्थान पर मुजफ्फरपुर है, जहां चयनित 718 सड़कों में से 694 की मरम्मती पूरी हुई है। लक्ष्य 1,861.53 किमी के विरुद्ध 1,742.86 किमी सड़कें सुधारी गई हैं। तीसरे स्थान पर पश्चिम चंपारण है। यहां 617 में से 604 ग्रामीण सड़कों को नया रूप दिया गया है, कुल 2,052.82 किमी लंबाई पूरी हो चुकी है। इसके अलावा सारण में 1750 किमी, समस्तीपुर में 1416 किमी, गयाजी में 1412 किमी और वैशाली 1389 किमी हैं।
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