रांची: झारखंड बीजेपी में नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर सियासी गलियारों में चर्चा तेज हो गई है। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद, प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने अपने इस्तीफे की पेशकश की है। पार्टी अब नए और फ्रेश चेहरे की तलाश में है जो झारखंड में बीजेपी को पुनः संजीवनी दे सके।
पार्टी के सूत्रों के मुताबिक, बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में पार्टी को 2019 और 2024 के चुनावों में भारी नुकसान हुआ है। इन परिणामों ने उनकी काबिलियत पर सवाल उठाए हैं। अब, बीजेपी आलाकमान एक ऐसे नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की सोच रहा है, जो पार्टी को झारखंड में अपना खोया जनाधार वापस दिला सके।
कुछ संभावित दावेदारों में पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा का नाम प्रमुख है। अर्जुन मुंडा तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और उनका प्रभाव संताल और कोल्हान क्षेत्रों में भी है। उनके पास संगठन और नेतृत्व का लंबा अनुभव है, और उनके खिलाफ पार्टी में किसी प्रकार का विरोध भी नहीं दिखता।
इसके अलावा, पार्टी के वरिष्ठ नेता रविंद्र राय का नाम भी चर्चा में है, जिन्होंने पहले प्रदेश अध्यक्ष का पद संभाला है। हालांकि, उनके नाराज होने की खबरें भी आई थीं, लेकिन उन्होंने पार्टी छोड़ने की अफवाहों को खारिज किया। उनके चुनावी अनुभव और नेतृत्व क्षमता को ध्यान में रखते हुए, उन्हें फिर से जिम्मेदारी दी जा सकती है।
चंपा सुरेन का नाम भी सामने आ रहा है, जो झामुमो से बीजेपी में आए हैं। उन्हें आदिवासी वोटबैंक को साधने के लिए उपयुक्त माना जा रहा है। हालांकि, उनकी कार्यशैली और संगठन से परिचित नहीं होने के कारण, उनके चयन को लेकर कुछ संदेह भी व्यक्त किए जा रहे हैं।
भविष्य में कौन बनेगा झारखंड बीजेपी का नया अध्यक्ष, यह पार्टी के अंदरूनी समीकरण और नेताओं की स्वीकार्यता पर निर्भर करेगा। भाजपा को आदिवासी वोटर्स के बीच विश्वास बहाली और हेमंत सरकार के मजबूत विकल्प के रूप में अपनी पहचान स्थापित करने की आवश्यकता है।
इस समय, पार्टी की नजरें एक ऐसे नेता पर हैं, जो पार्टी को नई दिशा दे सके और आगामी चुनावों में पार्टी की खोई हुई शक्ति को पुनः प्राप्त कर सके।