Giridih : झारखंड विधानसभा में विपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी ने घोड़थंबा की घटना पर सरकार और प्रशासन को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि होली के दिन घटी इस घटना में प्रशासन ने तुष्टिकरण की राजनीति करते हुए निर्दोषों को ही गिरफ्तार किया।
बाबूलाल ने विधानसभा में कहा, “होली के दिन धनवार थाना क्षेत्र के घोड़थम्भा में जब लोग गुलाल खेल रहे थे, तब पुलिस ने उन्हें रोका। इसके बाद वहां पत्थरबाजी और पेट्रोल बम फेंकने जैसी घटनाएं हुईं। दुकानों और मोटरसाइकिलों को आग के हवाले कर दिया गया, लेकिन पुलिस मूकदर्शक बनी रही।”
उन्होंने कहा कि पुलिस ने 80 लोगों पर केस दर्ज किया, जिसमें 40 हिंदू और 40 मुस्लिम शामिल थे। गिरफ्तारी के मामले में भी 22 लोगों को पकड़ा गया, जिनमें 11 हिंदू और 11 मुस्लिम थे। बाबूलाल ने सवाल उठाया कि जो लोग गुलाल खेल रहे थे, उनके हाथ में न तो कोई हथियार था और न ही कोई बम, फिर उन्हें क्यों गिरफ्तार किया गया?
विपक्ष के नेता ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि “राज्य में कानून व्यवस्था लगातार बिगड़ रही है। ईद, रामनवमी और अन्य त्योहारों के दौरान शांति बनी रहे, इसके लिए सरकार को तुष्टिकरण की नीति छोड़कर निष्पक्ष कार्रवाई करनी चाहिए।”
वहीं, सत्ता पक्ष ने बाबूलाल मरांडी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि प्रशासन ने घटना को नियंत्रित करने के लिए संतुलित कार्रवाई की। सत्ता पक्ष के एक विधायक ने कहा, “घटना का एकतरफा चित्रण किया जा रहा है। प्रशासन ने बिना किसी जानमाल के नुकसान के मामले को संभाला। सवाल यह है कि जब प्रशासन ने वैकल्पिक मार्ग सुझाया था, तो कुछ लोग मस्जिद के सामने जाने पर क्यों अड़े रहे?”
सरकार ने इस घटना को सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करार दिया और कहा कि झारखंड में शांति बनाए रखने के लिए प्रशासन पूरी तरह सतर्क है।