पटना. दो से आठ अक्टूबर तक मनाए जाने वाले ‘वन्यप्राणी सप्ताह 2025’ का शुभारंभ गुरुवार को संजय गांधी जैविक उद्यान में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव ने किया। इसका मुख्य उद्देश्य जनमानस को वन्यजीव संरक्षण, जैव विविधता के महत्व और पर्यावरणीय संतुलन के प्रति जागरूक करना है।
इस अवसर पर आनंद किशोर ने कहा कि यह सप्ताह केवल एक औपचारिक आयोजन नहीं बल्कि एक जागरूकता अभियान है, जो समाज को यह संदेश देता है कि वन्यजीव हमारे पारिस्थितिकी तंत्र के लिए अनिवार्य हैं। वन्यजीव संरक्षण हमारी जैव विविधता और प्राकृतिक धरोहर का प्रतीक है। बिहार जैव-विविधता से समृद्ध राज्य है। मानव-वन्यजीव सह-अस्तित्व ही सतत विकास का आधार है। यदि हम वन्यजीवों की रक्षा करेंगे तो वास्तव में हम अपनी ही जीवनधारा और आने वाली पीढ़ियों की सुरक्षा करेंगे। इसी कारण इस वर्ष वन्यप्राणी सप्ताह की थीम “मानव-वन्यजीव सह-अस्तित्व” है।
इस वर्ष वन्यप्राणी सप्ताह के हर दिन पटना जू में अलग–अलग विषयों पर विशेष व्याख्यान और गतिविधियां आयोजित होंगी। शुक्रवार को मानव–वन्यप्राणी द्वंद्व पर डॉ. मनोज कुमार टोनी, किटों के व्यवहार पर सौरभ वर्मा और स्तनधारी वन्यजीवों पर डॉ. दलीप कुमार बैठा ने विशेष व्याख्यान दिया। 4 अक्टूबर को घड़ियाल संरक्षण पर विशेष बल दिया जाएगा तथा इस अवसर पर डब्ल्यूटीआई के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर होगा। इस दिन डॉ. समीर सिन्हा तथा अरविंद वर्मा व्याख्यान देंगे।
इसी क्रम में 5 अक्टूबर को टर्टल, टॉरटोइज एवं सांपों के संरक्षण और फ्रॉग्स एवं टोड्स के संरक्षण पर विशेषज्ञ अपने विचार रखेंगे। 6 अक्टूबर को डब्ल्यू डब्ल्यू एफ इंडिया के प्रकाश कुमार बाघों का संरक्षण विषय पर वक्तव्य देंगे, वहीं 7 अक्टूबर को पक्षी संरक्षण पर आनंद कुमार तथा बटरफ्लाई एवं मोथ्स पर बिहार राज्य जैव विविधता परिषद के विशेषज्ञ व्याख्यान देंगे। इन दिनों बच्चों और युवाओं के लिए ड्रॉइंग, पोस्टर और पेंटिंग प्रतियोगिताएं तथा शैक्षणिक भ्रमण भी होंगे। 8 अक्टूबर को भी विशेष कार्यक्रम के साथ इस सप्ताह का समापन किया जाएगा।
इस अवसर पर अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक-सह-मुख्य वन्यप्राणी प्रतिपालक अभय कुमार, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक(कॅम्पा) सुरेंद्र सिंह, मुख्य वन संरक्षक (आई.टी.) एस. चंद्रशेखर, जू निदेशक हेमंत पाटील सहित जू के सभी पदाधिकारी एवं कर्मी उपस्थित रहे।