Ranchi– झारखंड हाई कोर्ट में जस्टिस राजेश शंकर के अदालत में रिसोर्स टीचर नियुक्ति मामले में सुनवाई हुई. बता दें कि रिसोर्स टीचर के जिम्मे दिव्यांग बच्चों को पठन-पाठन करवाने का गुरुतर कार्य है. यह भारत सरकार द्वारा संचालित समग्र शिक्षा अभियान की एक स्कीम है. इसी के तहत शिक्षकों की नियुक्ति की जानी है. झारखंड में इस तरह कि शिक्षकों की नियुक्ति के लिए झारखंड एजुकेशन प्रोजेक्ट काउंसिल ( जेईपीसी ) को नोडल एजेंसी बनाया गया है.
जेपीसी को शिक्षकों की नियुक्ति करनी थी. लेकिन जेपीसी ने टेंडर निकाल कर शिक्षक नियु्क्ति का जिम्मा जीएमडी सर्विसेस को दे दिया, उसे मेन पावर सप्लाई करने की संविदा दे दी गयी. जबकि यह एक टेलीकॉम कंपनी है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट गाइडलाइन है कि रिसोर्स टीचर की नियुक्ति किसी भी हालत में स्थायी तौर पर की जानी है.इसी मामले में झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर कर टेंडर कैंसिल करने का आग्रह किया गया था. जिस पर आज झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने जेईपीसी और राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए 4 सप्ताह में शपथ पत्र दायर करने को कहा है, साथ ही जीएमडी सर्विसेस को पार्टी बनाया है. अब अगली सुनवाई में सरकार और जेईपीसी के साथ ही जीएमडी सर्विसेस अपना पक्ष रखेगी.