रेसलर विनेश फोगाट का कमाल, हासिल किया पेरिस ओलंपिक का कोटा

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डिजीटल डेस्क : कुश्ती विवाद के अतीत को पीछे छोड़ भारतीय महिला रेसलर विनेश फोगाट ने कमाल कर दिया है। एशियन ओलंपिक क्वालिफायर के 50 किग्रा कैटेगरी के सेमीफाइनल में जीत हासिल कर पेरिस ओलंपिक का कोट हासिल कर लिया है। उन्होंने कजाकिस्तान की लौरा गनिक्यजी को हराते हुए भारत को यह कोटा दिलाया।

पेरिस ओलंपिक कोटा हासिल करने वाली विनेश दूसरी रेसलर

इस टूर्नामेंट से ओलंपिक कोटा हासिल करनी वाली वह पहली और कुल दूसरी रेसलर हैं। एशियन ओलंपिक क्वालिफायर के पुरुष इवेंट में कोई भी भारतीय रेसलर फाइनल में नहीं पहुंच पाया और इस वजह से कोटा नहीं मिला। विनेश तीसरी बार ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। अभी तक कोई अन्य भारतीय महिला रेसलर एक से ज्यादा बार ओलंपिक तक नहीं पहुंची है। विनेश के अलावा 53 किग्रा कैटेगरी में अंतिम पंघाल के पास ओलिंपिक कोटा है।

50 किग्रा कैटेगरी में शुरु से ही रहा विनेश का दबदबा

विनेश ने इवेंट की शुरुआत से ही अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। सेमीफाइनल से पहले हुए दो मुकाबलों में भी उन्होंने एकतरफा जीत दर्ज की। अपने पहले मुकाबले में उन्होंने कोरियाई पहलवान मिरान चेओन को केवल 67 सेकंड में हरा दिया। फिर बारी थी कंबोडिया के स्मानांग दित की थी जिन्हें भी आसानी से हरा दिया। इन दोनों मैचों के बाद सेमीफाइनल में भी विनेश ने अपने विपक्षी रेसलर को कोई मौका नहीं दिया। विनेश फोगाट ने महिलाओं के 50 किग्रा सेमीफाइनल में कजाकिस्तान की लौरा गनिक्यजी को 10.0 से हराया। कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीत चुकीं विनेश ने कजाख पहलवान के खिलाफ तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर 4.18 मिनट में मुकाबला जीत लिया। अब उनका मुकाबला उज्बेकिस्तान की अक्तेंगे क्यूनिमजेवा से होगा जिन्होंने चीनी ताइपे की मेंग ह्सुआन हसीह को 4.2 से हराया।

भारतीय कुश्ती महासंघ के बहुचर्चित विवाद में अहम चेहरा रहीं विनेश

भारतीय कुश्ती महासंघ के बहुचर्चित विवाद यही महिला रेसलर अहम चेहरा रहीं थीं। तमाम जद्दोजेहद के बाद भी उन्होंने अपने खेल पर उस विवाद का असर नहीं पड़ने दिया। एशियन ओलंपिक क्वालिफायर टूर्नामेंट में उन्होंने विवादित अतीत को पीछे छोड़ अपने प्रतिभा का लोहा मनावाया और दिखा दिया कि उनमें काबिलियत है। विनेश फोगाट पिछले एक साल से काफी चर्चा में रहीं। उन्होंने बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक के साथ मिलकर रेसलिंग आंदोलन की शुरुआत की थी। तत्कालीन भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और भाजपा सासंद बृज भूषण शरण सिंह पर युवा पहलवानों के साथ कथित यौन उत्पीड़न का आरोप लगा था। पुलिस कार्रवाई नहीं होने की वजह से पहलवानों ने आंदोलन की शुरुआत की थी।

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