औरंगाबाद: राष्ट्रकवि दिनकर की उक्ति ‘खम ठोक ठेलता है जब नर, पर्वत के जाते पांव उखड़। मानव जब जोर लगाता है, पत्थर पानी बन जाता है’ को औरंगाबाद के योगेश कुमार ने चरितार्थ कर दिखाया है। योगेश कुमार ने बीपीएसएससी दारोगा परीक्षा में सफलता हासिल की है। योगेश औरंगाबाद के रफीगंज शहर के वार्ड नंबर चार के अब्दुलपुर निवासी बाबूलाल यादव के पुत्र हैं जिन्होंने घर से ही ऑनलाइन पढाई कर बीपीएसएससी दारोगा परीक्षा में सफलता हासिल की। योगेश ने चौथी कोशिश में यह सफलता हासिल की है।
योगेश ने बताया कि वह स्नातक की पढाई रांची से पूरी करने के बाद पटना में रहकर सरकारी नौकरी की तैयारी करने लगे। योगेश ने 2018 में पहली बार दारोगा परीक्षा दी थी लेकिन उसे निराशा हाथ लगी, 2020 में भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी लेकिन 2022 में मेंस तक सफल हुए लेकिन शारीरिक परीक्षा में सफलता नहीं मिली। लेकिन 2023 के दारोगा परीक्षा में योगेश ने अपने मेहनत के बल पर 1275 सफल अभ्यर्थियों में अपनी जगह बना ली।
परीक्षा में सफलता की जानकारी मिलने के बाद परिजनों और रिश्तेदारों में ख़ुशी का माहौल है वहीं आसपास के लोग भी उनके घर पहुंच कर उन्हें बधाई दे रहे हैं। योगेश ने अपनी सफलता का श्रेय माता राजमुनि देवी, पिता बाबूलाल यादव, अपने शिक्षक प्रदीप कुमार और शारीरिक शिक्षक आनंद कुमार को दिया है।
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औरंगाबाद से दीनानाथ मौआर की रिपोर्ट
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