Ramgarh: कोयला क्षेत्र में केंद्र सरकार की श्रम नीति और निजीकरण के खिलाफ बुलाई गई हड़ताल का असर सीसीएल (CCL) अरगड्डा क्षेत्र में भी बुधवार सुबह से ही देखने को मिला। संयुक्त ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर गिद्दी ‘सी’, रेलीगड़ा, सिरका समेत अरगड्डा क्षेत्र के कई कोल परियोजनाओं और प्रतिष्ठानों में कार्य पूरी तरह ठप रहा।
संयुक्त मोर्चा के सदस्यों ने आंदोलन के समर्थन में जमकर नारेबाजी की और केंद्र सरकार की श्रम नीति, 44 श्रम कानूनों को हटाकर 4 श्रम कोड लागू करने की योजना, और कोल सेक्टर में निजीकरण के फैसले का विरोध किया। यूनियन नेताओं का कहना है कि ये नीतियां मजदूरों के अधिकारों और सामाजिक सुरक्षा को समाप्त कर देंगी, जिससे भविष्य में कामगारों को गंभीर नुकसान उठाना पड़ेगा।
कोल परियोजनाओं में कामकाज ठप, श्रमिकों ने जताया विरोध
हड़ताल के समर्थन में बैजनाथ मिस्त्री, पुरुषोत्तम पांडे, गौतम बनर्जी, अरुण कुमार सिंह, जन्मजय सिंह, लखन महतो, सुशील कुमार सिन्हा, नागेश्वर महतो, शांता कुमार, कमरुद्दीन खान, सोमिल डे, दीपक कुमार, मुस्तफा खान और लक्ष्मी महतो समेत दर्जनों कामगार सुबह से ही कोल परियोजनाओं के मुख्य द्वार पर जुटे रहे।
मांगों पर अडिग हैं यूनियनें
यूनियनों की प्रमुख मांग है कि सरकार श्रम कोड को वापस ले, कोयला खदानों का निजीकरण रोका जाए, और कर्मचारियों के हित में पुरानी श्रम संरचना को बनाए रखा जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने जल्द अपनी नीतियों में बदलाव नहीं किया, तो आंदोलन और व्यापक होगा।
रिपोर्टः रविकांत