कोलकाता : अमित शाह मंगलवार को चुनावी दौरे पर पश्चिम बंगाल पहुंचे और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर जमकर हमला बोला। उत्तर बंगाल के मालदा दक्षिण में रोड़ शो करने के बाद रायगंज में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बंगाल में कटमनी, घोटाले और खनन में भ्रष्टाचार रोकना जरूरी है। लेकिन क्या ममता बनर्जी के द्वारा संभव है ? नहीं…वह सिर्फ पीएम मोदी की सरकार में ही संभव है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बीते सोमवार को शिक्षा विभाग में हुए भर्ती घोटाला के संबंध में कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को अपने भाषण में प्रमुखता से उठाया और सभा में पहुंचे जनसमुदाय को झकझोरा।
अमित शाह बोले – घोटाले से मुक्ति के लिए विकल्प है पीएम मोदी वाली सरकार
अमित शाह ने आगे कहा कि पश्चिम बंगाल में घोटाले और कटमनी वाले माहौल का जो हाल है, वह अब कानूनी तौर पर भी उजागर है। बीते कल ही कलकत्ता हाईकोर्ट ने बंगाल में हुए शिक्षा भर्ती घोटाला मामले में फैसला सुनाया जिसमें एक झटके में करीब 26 हजार युवक-युवतियों की नौकरियां चली गईं। वह सभी भर्तियां रिश्वत लेकर की गई थीं। हर भर्ती पर 10 से 15 लाख रुपये लिए गए थे। उस मामले में राज्य के मंत्री रहे पार्थ चटर्जी इस समय जेल में हैं और उनके घर से 51 करोड़ रुपये नकद मिले थे। ऐसे हालात में किसी भी सामान्य युवा का इस तृणमूल कांग्रेस की राज में सरकारी नौकरी पाना क्या संभव है जहां नियुक्ति पाने के लिए 10 से 15 लाख रुपये रिश्वत की मांग खुले तौर पर की जा रही हो ? आम परिवार के युवा के पास इतनी रकम जुटा पाना संभव है क्या, जवाब होगा नहीं। तो फिर विकल्प क्या है, विकल्प है पीएम मोदी के अगुवाई वाली सरकार।
अमित शाह की वोटरों से अपील – बंगाल में 30 सीटें जिता दो, ममता भी नहीं रोक पाएंगी विकास
अमित शाह ने इसी के साथ बंगाल के मतदाताओं से अपील की कि हमने (भाजपा ने) पश्चिम बंगाल की 35 सीटों पर विजय का लक्ष्य रखा है। उनमें से 30 भी यहां के मतदाता जिता दें तो दावे के साथ कहता हूं कि ममता बनर्जी की हिम्मत नहीं होगी कि बंगाल का विकास रोक दें। साथ ही कटमनी, भ्रष्टाचार और घोटालेबाजों को शरण देने वाली परिपाटी भी बदलेगी। इसी क्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सीएए को भी रोकने का हिम्मत न तो तृणमूल में हैं और ना ही कांग्रेस में। ये भरमाते रहेंगे और गुमराह करते रहेंगे लेकिन जनता सच जानती है और वह लागू होगा।
सीएम ममता ने हाईकोर्ट के फैसले को बताया था – ‘अवैधानिक’
अमित शाह के बंगाल दौरे से एक दिन पहले सोमवार को सीएम ममता बनर्जी ने कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को ‘अवैधानिक’ बताया था। उन्होंने इस फैसले से गिरी गाज का शिकार हुए लोगों को ढांढ़स बंधाया था। कहा था कि वह नौकरी गंवाने वालों के साथ खड़ी हैं। ममता बोलीं कि – मेरी टिप्पणी न्यायपालिका या फिर न्यायाधीश पर नहीं लेकिन न्याय के नाम पर जारी आदेश और उसकी शब्दावलियों पर है। ममता बनर्जी ने हाईकोर्ट के फैसले से निराश नौकरी गंवाने वालों की पीड़ा मरहम लगाने का प्रयास करते हुए कहा कि ऐन चुनाव के समय ऐसा बम फोड़ा गया कि एक झटके में 26 हजार लोगों की नौकरी चली गई। इस फैसले से प्रभावित शिक्षक और गैरशिक्षक स्टाफ – कोई भी परेशान ना हों और ना ही जान दे देने जैसा घातक कदम उठाने की सोचें। हम (तृणमूल वाले) आपके साथ है। जहां तक जरूरत होगी, आपके लिए लड़ेंगे। पहले भी इसी मामले पर सुप्रीम कोर्ट जा चुके हैं। वहां से दोबारा हाईकोर्ट में सुनवाई को मामला भेजा गया।
ममता बनर्जी ने इसी क्रम में आगे कहा था कि हाईकोर्ट ने जो फैसला सुनाया उसको मैं चुनौती देती हूं। करीब 26 हजार लोग इस आदेश के दायरे में आए हैं यानी करीब डेढ़ लाख परिवार। ताज्जुब वाली बात यह है कि उन्हें प्राप्त हुए वेतन राशि को ब्याज समेत पूरी राशि लौटाने के लिए केवल 4 हफ्ते यानी एक माह की मोहलत दी गई है, क्या यह संभव है ? इसका अनुपालन असंभव है। यह न्यायनसंगत और तर्कसंगत तो कत्तई नहीं है।