जनार्दन सिंह की रिपोर्ट
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प्रयागराज : महाकुंभ 2025 के पहले दिन डेढ़ करोड़ लोगों ने संगम में लगाई डुबकी। प्रयागराज में संगम तट पर पौष पूर्णिमा पर ज्योंहि सोमवार की सुबह 5 बजे के बाद महाकुंभ 2025 शुरू होने के उद्घोष हुआ तो संगम तट पर भारी संख्या में जुटे देशी और विदेशी श्रद्धालुओं – तीर्थयात्रियों में गंगा, जमुना और सरस्वती नदियों के संगम स्थल पर पावन डुबकी लगाने का जोश देखते ही बन पड़ रहा था।
यूपी सरकार की ओर जारी बयान के मुताबिक, सोमवार को महाकुंभ 2025 के पहले दिन डेढ़ लोगों ने डुबकी लगाई है। सुबह साढ़े 9 बजे तक करीब 60 श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगा ली थी और उससे पहले सुबह साढ़े 7 बजे बज तक यह संख्या करीब 35 लाख आंकी गई थी।
पहले दिन के भारी भीड़ से अनुमान लगाया जा रहा है कि इस साल का समागम पहले से कहीं ज्यादा बड़ा होगा। पौष पूर्णिमा पर, अपने गहन आध्यात्मिक अनुशासन के लिए जाने जाने वाले कल्पवासियों ने ‘मोक्षदायिनी’ संगम में पवित्र डुबकी लगाई और 45 दिनों तक चलने वाले अपने आध्यात्मिक एकांतवास की शुरुआत की।
CM Yogi ने दिया नारा – …पुण्य फलें, महाकुम्भ चलें…
महाकुंभ 2025 के सोमवार की सुबह शुरू हुए भव्य और दिव्य शुभारंभ के बाद शाम तक पूरे भक्तिमय माहौल में डूबे प्रयागराज के महाकुंभनगर की छटा का निरंतर अपडेट ले रहे CM Yogi आदित्यनाथ ने अपना बयान जारी किया।

CM Yogi ने कहा कि – ‘…मानवता के मंगलपर्व ‘महाकुम्भ 2025’ में ‘पौष पूर्णिमा’ के शुभ अवसर पर संगम स्नान का सौभाग्य प्राप्त करने वाले सभी संतगणों, कल्पवासियों, श्रद्धालुओं का हार्दिक अभिनंदन। …प्रथम स्नान पर्व पर आज 1.50 करोड़ सनातन आस्थावानों ने अविरल-निर्मल त्रिवेणी में स्नान का पुण्य लाभ अर्जित किया।

…प्रथम स्नान पर्व को सकुशल संपन्न कराने में सहभागी महाकुम्भ मेला प्रशासन, प्रयागराज प्रशासन, @Uppolice, नगर निगम प्रयागराज, स्वच्छाग्रहियों, गंगा सेवा दूतों, कुम्भ सहायकों, धार्मिक-सामाजिक संगठनों, विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों तथा मीडिया जगत के बंधुओं सहित महाकुम्भ से जुड़े केंद्र व प्रदेश सरकार के सभी विभागों को हृदय से साधुवाद!’
इसी के साथ आगे प्रफुल्लित मुद्रा में CM Yogi आदित्यनाथ ने नारा दिया – ‘…पुण्य फलें, महाकुम्भ चलें’।

महाकुंभ में पहले दिन सायंकाल श्रद्धालुओं-तीर्थयात्रियों पर हुई हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा
प्रयागराज महाकुंभ में आए हुए श्रद्धालुओं पर यूपी की योगी सरकार ने हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा कराई है। सायंकाल 4.05 पर हेलीकॉप्टर संगम क्षेत्र पहुंचा और घाट से लेकर अखाड़ा मार्ग पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की। इससे महाकुंभ क्षेत्र में मौजूद श्रद्धालु खासे आह्लादित नजर आए। करीब 10 मिनट के बाद एक बार फिर से पुष्प वर्षा की गई।
दक्षिण कोरिया के कई यूट्यूबर इस दिव्य अनुभव को अपने कैमरों में कैद करते नजर आए, जबकि जापान के पर्यटकों ने स्थानीय गाइडों से इस आयोजन के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व को समझने की कोशिश की। सोमवार को रूस-अमेरिका समेत यूरोप के विभिन्न देशों से आए श्रद्धालु आस्था और एकता के इस महापर्व के साक्षी बने और डुबकी भी लगाई।
बता दें कि कल्पवासी महाकुंभ अवधि के दौरान ब्रह्मचर्य, साधारण जीवन और नियमित प्रार्थना के सख्त व्रत का पालन करते हैं। उन्होंने न केवल अपने व्यक्तिगत आध्यात्मिक उत्थान के लिए बल्कि मानवता के कल्याण के लिए भी प्रार्थना की। इस वर्ष, महादेव की पूजा के लिए शुभ दिन सोमवार को पड़ने वाले पौष पूर्णिमा के संयोग ने इस अवसर को आध्यात्मिक रूप से और भी महत्वपूर्ण बना दिया।

महाकुंभ में दिख रहा कारोबार और परोपकार का भी संगम…
महाकुंभ में भारत समेत पूरी दुनिया के लोग संगम में आस्था की डुबकी लगाने के लिए पहुंच रहे हैं। इस महाकुंभ में अनेकता में एकता के साथ-साथ कारोबार और परोपकार का अनूठा संगम भी देखने को मिल रहा है।
महाकुंभ के पहले स्नान पर्व पौष पूर्णिमा के पावन अवसर पर एक तरफ, जहां अखाड़ों और विभिन्न संस्थाओं ने लोगों के बीच निशुल्क चाय वितरित की, नाश्ता और भोजन कराया जा रहा है तो वहीं, व्यापार भी फल फूल रहा है।
महाकुंभ की जीवंत ऊर्जा संगम मेला और लेटे हनुमान मंदिर के पास के बाजार क्षेत्रों तक फैल गई। पूजा सामग्री के विक्रेता और तिलक कलाकार भक्तों की बढ़ती भीड़ को संभालने में व्यस्त देखे गए। प्रसाद, चुनरी और दीया सामग्री बेचने वाले खुदरा विक्रेताओं ने बताया कि इस साल तीर्थयात्रियों की आमद 2019 के कुंभ मेले से भी अधिक हो गई है।

महाकुंभ की भव्यता पर मंत्रमुग्ध हुए विदेशी पर्यटकों को खूब भायी सनातनी परंपरा…
महाकुंभ की भव्यता ने न केवल भारतीय श्रद्धालुओं, बल्कि दुनिया भर से आए पर्यटकों को भी मंत्रमुग्ध कर दिया। महाकुंभ-2025 की शुरुआत सोमवार को पौष पूर्णिमा के साथ हुई, जिसने प्रयागराज के संगम को आस्था, संस्कृति और मानवता के जीवंत केंद्र में बदल दिया।

पवित्र जल में डुबकी लगाने वाले लाखों तीर्थयात्रियों में विदेश से आए श्रद्धालु भी शामिल थे, जिन्होंने इस दिव्य आयोजन के चमत्कार का अनुभव किया। अग्रणी उद्यमी घराने की लॉरेन पॉवेल ने बाकायदा गेरुआ चोला भी धारण कर लिया है एवं अपना सनातनी नाम और गोत्र भी अपना लिया है। उनका नाम कमला रखा गया है और गोत्र अच्युत दिया गया है।