रांची: झारखंड पर्यटन विकास निगम (जेटीडीसी) के 10.40 करोड़ और झारखंड ऊर्जा उत्पादन निगम के 40.50 करोड़ रुपए फर्जी अकाउंट में ट्रांसफर करने के मामले की जांच अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) करेगा। इस मामले में धुर्वा थाने में एफआईआर दर्ज की गई है और ईडी ने इन एफआईआर का अध्ययन कर लिया है। जांच एजेंसी जल्द ही नई इंफोर्समेंट केस इन्फॉर्मेशन रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज करेगी।
इस फर्जीवाड़े में जेटीडीसी, ऊर्जा निगम और दो बैंकों के सात अधिकारियों को आरोपी बनाया गया है। इसके अलावा, झारखंड विद्युत वितरण निगम के मास्टर ट्रस्ट से भी 56.50 करोड़ रुपए की निकासी का मामला सामने आया है, जिसकी शिकायत एससीआरपी पोर्टल पर की गई है। यानी कुल 107.40 करोड़ का फर्जीवाड़ा सामने आया है।
इस मामले की जांच फिलहाल सीआईडी की एसआईटी कर रही है, जिसे अब तक 300 फर्जी खातों की जानकारी मिली है। उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक में सबसे अधिक फर्जी खाते खोले जाने की बात सामने आई है। एसआईटी ने अब तक विभिन्न खातों में 39.70 करोड़ रुपए फ्रीज कराए हैं।
इस मामले में जेटीडीसी के तत्कालीन लेखापाल गिरिजा प्रसाद सिंह, केनरा बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक अमरजीत कुमार, साजिशकर्ता रुद्र सिंह उर्फ समीर और लोकेश्वर साह उर्फ लोकेश को हिरासत में लिया गया है। इनकी निशानदेही पर 85 लाख रुपए कैश और 15 लाख के जेवरात भी बरामद किए गए हैं।