रांची:ओएमआर शीट में छेड़छाड़ कर हाईकोर्ट को गुमराह करने की काेशिश की गई,इतनाही नहीं कोर्ट को गलत जानकारी देने का भी प्रयास किया गया।
मामला खुला तो हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को बुलाकर एफआईआर दर्ज करने को कहा। इस मामले में जो जानकारी मिल रही है उसके अनुसार हाईकोर्ट में जस्टिस आनंद सेन की कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान मामला सामने आया। गोपाल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
इसमें कहा था कि जेपीएससी ने इसी साल संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा का विज्ञापन जारी किया था। मार्च में पीटी का रिजल्ट जारी किया गया। फिर प्रश्न के साथ आंसर शीट भी जारी की गई। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि उसे परीक्षा में 246 अंक मिले हैं, लेकिन उसका चयन नहीं किया गया।
इस पर जेपीएससी के वकील संजय पिपरवाल व प्रिंस कुमार सिंह ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता को सिर्फ 46 अंक मिले थे। इस पर कोर्ट ने जेपीएससी से गोपाल की ओएमआर शीट सीलबंद लिफाफे में पेश करने का निर्देश दिया था।
शुक्रवार को ओएमआर शीट कोर्ट को सौंपी गई। कोर्ट ने याचिकाकर्ता और जेपीएससी की ओएमआर शीट का मिलान किया तो दोनों में अंतर पाया गया। ऐसा प्रतीत हुआ कि याचिकाकर्ता ने ओएमआर शीट में छेड़छाड़ की गई है।
इस पर कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर नाराजगी जताते हुए कहा कि उन्होंने कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश की है। इसके बाद कोर्ट ने उसे किसी प्रकार की राहत देने से इनकार करते हुए याचिका खारिज कर दी।
तत्काल हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को बुलाया गया। उन्हें गोपाल के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया। साथ ही जेपीएससी और याचिकाकर्ता की ओर से पेश की गई ओएमआर शीट को सीलबंद रखने का भी निर्देश दिया।