पटना : राजधानी पटना में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। मंगलवार यानी 27 मई को छह नए मरीज मिलने से जिले में कुल संक्रमितों की संख्या नौ हो गई है। पटना एम्स की एक महिला डॉक्टर, एक नर्स और एक कर्मचारी भी संक्रमित पाए गए हैं। इसके अलावा, एनएमसीएच में भी दो मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। सर्दी, खांसी और बुखार जैसे लक्षणों के बाद इनकी जांच कराई गई थी। आरपीएस मोड़ पर रहने वाले एक 42 वर्षीय व्यक्ति भी पॉजिटिव पाए गए हैं। कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए अस्पतालों में सतर्कता बढ़ा दी गई है।
आपको बता दें कि कोरोना को लेकर बिहार के स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट मोड पर है। बिहार के अस्पतालों में भी सावधानी बरती जा रही है. पटना में दो कोरोना संक्रमित पाए गए थे। सिविल सर्जन कार्यालय के अनुसार, पीड़ितों तीन में से एक एम्स पटना के जूनियर डॉक्टर हैं। दूसरे, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के 30 वर्षीय वैज्ञानिक हैं।
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अबतक 3 मरीज मिले
सिविल सर्जन डॉ. अविनाश कुमार ने बताया कि दोनों ही मरीजों ने हाल ही में कोई यात्रा नहीं की है। दोनों संक्रमितों में से किसी का कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों में कोरोना के गंभीर लक्षण नहीं दिख रहे हैं। अन्य राज्यों में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए, बिहार सरकार सतर्क हो गई है। फिलहाल बिहार सहित कई राज्यों में नए स्ट्रेन की सीक्वेंसिंग नहीं हो रही है। जल्द ही RT-PCR पॉजिटिव सैंपल की जीनोमिक जांच कर नए वैरिएंट की पुष्टि की जाएगी।
सभी अस्पतालों में अलर्ट
पटना समेत सभी जिलों के मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में सावधानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। आईजीआईएमएस के अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल ने बताया कि विभाग के अपर मुख्य सचिव ने उन्हें कुछ निर्देश दिए हैं। इन निर्देशों के अनुसार, आईजीआईएमएस में ऑक्सीजन वाले 12 बेड और आईसीयू के तीन बेड कोरोना मरीजों के लिए सुरक्षित रखे गए हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच अब मरीज गले में खराश, खांसी या बुखार के बजाय तेज सिरदर्द, बदन दर्द, कमजोरी, और ऑक्सीजन स्तर में गिरावट लेकर डॉक्टरों के पास पहुंच रहे हैं।
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विवेक रंजन की रिपोर्ट
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