शिक्षामंत्री के विवादित बयान पर अश्विनी चौबे और चिराग ने घेरा

करोड़ों लोगों की श्रद्धा पर शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने पहुंचायी चोट- अश्विनी चौबे

पटना : बिहार के शिक्षामंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बता दिया. अब इसको लेकर बिहार में सियासत शुरू हो गई है. नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा, हरी भूषण ठाकुर बचौल के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे और एलजेपीआर के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने जोरदार हमला बोला.

अज्ञानी शिक्षामंत्री हैं प्रो. चंद्रशेखर- अश्विनी चौबे

केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने सीधे तौर पर कहा कि रामचरितमानस सनातन शाश्वत और भारत का एक ज्ञान का तंत्र है. रामचरितमानस के बारे में जिस व्यक्ति ने इस बात को कहा है वह अज्ञानी मंत्री हैं. उनको ज्ञान सीखने की आवश्यकता है. मुझे लगता है करोड़ों लोगों की श्रद्धा पर उन्होंने जो चोट पहुंचाया है सनातन धर्मावलंबी कभी भी इस को बर्दाश्त नहीं करेंगे.

सनातन धर्म में रामचरितमानस को केवल एक धर्म के लिए नहीं बल्कि मनुष्य के जीवन को जीने के लिए राह बताया गया है. उन्हें देशवासियों से माफी मांगना चाहिए.

धृतराष्ट्र हैं सीएम नीतीश- चौबे

केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने तंज कसते हुए कहा कि अज्ञानी के पास विरोध की क्या बात है. उनको ज्ञान सीखना चाहिए. रामचरितमानस में कहीं भी जाति, वर्ण, व्यवस्था की बात नहीं की गई है. रामचरितमानस आदर्श है. राम के जीवन का आज के लोकतंत्र के लिए जरूरत है.

वहीं बक्सर में घटी घटना को बीजेपी नेता ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से पीटा गया वह दुर्भाग्यपूर्ण है और मुख्यमंत्री नीतीश पूरी तरह से धृतराष्ट्र कुमार बनकर बैठे हुए हैं.

शिक्षामंत्री: बंटवारे की राजनीति करने वालों को भुगतना पड़ेगा परिणाम- चिराग

शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर के विवादित बयान पर चिराग पासवान ने कहा कि शिक्षा मंत्री और तमाम ऐसे राजनीतिक दल और नेता जो बंटवारे की राजनीति करना चाहते हैं वह हमारे इतिहास को हमारे ग्रंथों को जिनमें लोगों की आस्था होती है उस पर सवाल उठाकर लोगों की भावनाओं को भड़काने का काम करते हैं.

हम ऐसे प्रदेश में हैं जहां के मुख्यमंत्री ने बंटवारे की राजनीति करके ही अपनी राजनीति की है. इस तरीके के भड़काऊ भाषण मुख्यमंत्री ही देते हैं और उनके सरकार के मंत्री देते हैं. पिछले चुनाव में अंजाम भुगते हैं और आने वाले समय में भी भुगतना पड़ेगा.

रिपोर्ट: राजीव कमल

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