‘नीतीश चुनाव लड़ कर देख लें..पता चल जाएगा जनता का मूड’

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सुधाकर सिंह ने दी चुनौती

PATNA : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सुधाकर सिंह ने एक बार फिर चुनौती दी है. उन्होंने कहा है कि एक बार चुनाव लड़ कर देख लें फिर जनता का मूड पता चल जाएगा. जनता ने आपके काम को कितना सराहा है, इसका अंदाजा भी लग जाएगा. बिहार के किसानों की आय बढ़ने की बजाय घटी है. यह बातें उन्होंने शुक्रवार को नीतीश कुमार की प्रतिक्रिया के बाद दी है. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की उपेक्षा कर रही है.

मुझे सिर्फ पार्टी ने नहीं जनता ने नेता बनाया है- सुधाकर

'नीतीश चुनाव लड़ कर देख लें..पता चल जाएगा जनता का मूड'
'नीतीश चुनाव लड़ कर देख लें..पता चल जाएगा जनता का मूड'

राजद विधायक सुधाकर सिंह ने कहा कि मुझे सिर्फ पार्टी ने नहीं बल्कि जनता ने नेता बनाया है. सुधाकर सिंह ने कहा कि वो चुनाव जीतकर नेता बने हैं. लेकिन नीतीश कुमार 17 साल से क्यों नहीं लड़ रहे चुनाव. सुधाकर सिंह ने मुख्यमंत्री को चुनौती देते हुए कहा है कि नीतीश कुमार चुनाव लड़कर देख लें हकीकत का पता चल जाएगा.

बता दें कि शुक्रवार को नीतीश कुमार ने सुधाकर सिंह के बारे में पूछे गए एक सावल का जवाब देते हुए कहा था कि ऐसे लोगों को पार्टी नेता बना देती है. ऐसे लोगों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है. पूर्व कृषि मंत्री ने किसानों को लेकर मुख्यमंत्री पर कई सवाल खड़े किए थे. उन्होंने एक बार फिर से किसानों की बदहाली और सरकार की अनदेखी का सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है.

नीतीश कुमार ने जो वादे किसानों से किये गये थे उसपर सरकार खरी नहीं उतरी- सुधाकर

मुख्यमंत्री के दिए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए सुधाकर सिंह ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री कहते हैं कि बिहार में कृषि को लेकर सरकार ने बहुत सारे काम किये हैं लेकिन कृषि रोड मैप दो और तीन में तीन लाख करोड़ खर्च करने के बाद भी उत्पादन पहले से कम है.

सरकारी विभाग के आंकड़ों के अनुसार जो आपने वादे किए थे

उस पर भी सरकार खरी नहीं उतरी. बिहार में किसानों की आय

नकारात्मक हुई है. किसानों की आय कई गुना कम हुई है.

‘आप राज्य के मुखिया हैं मैं लोगों का जनप्रतिनिधि हूं’

सुधाकर सिंह ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि

बिहार के मुख्यमंत्री हैं मुखिया हैं मैं लोगों का जनप्रतिनिधि हूं,

मेरा सवाल करना कहां से गलत है आप कहते हैं कि

आप पार्टी के नेता हो सकते हैं. जनता के नेता नहीं हो सकते लेकिन

मुझे मेरी पार्टी ने चुनाव में खड़ा किया और उसमें मैंने जीत हासिल की.

जनता ने ही मुझे जीत दिलाई. आपके कैंडिडेट को हराकर मैंने चुनाव जीता था.

आप खुद चुनाव नहीं लड़ते हैं अगर आपको बिहार की जनता

पर भरोसा होता तो 17 सालों में आपने चुनाव क्यों नहीं लड़ा.

अगर आपको इतना ही भरोसा है तो अपने पसंद के इलाके में चुनाव में लड़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर आप बहुत अच्छा काम कर रहे हैं तो बिहार की जनता चुनाव जीता कर भेजेगी. उन्होंने कहा कि आप को स्वीकार कर लेना चाहिए कि आपके नीतियों के चलते बिहार के किसान बर्बाद हो चुके हैं.

रिपोर्ट : राजीव कमल