अवैध माइनिंग की जांच मामले में प्रधान महालेखाकार से मांगा जवाब

रांची: पलामू, गढ़वा और लातेहार में अवैध माइनिंग से संबंधित मामले को लेकर पंकज कुमार यादव की जनहित याचिका की सुनवाई बुधवार को झारखंड हाईकोर्ट में हुई.

हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने  मामले में प्रधान महालेखाकार, झारखंड को मामले में की गई जांच की रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.

पूर्व में कोर्ट ने इस मामले में प्रधान महालेखाकार को प्रतिवादी बनाया था. बुधवार को सुनवाई के दौरान मामले में गठित 3 सदस्य के कमेटी की रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत की गई. कोर्ट ने मामले की सुनवाई 5 जुलाई निर्धारित की है. प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने पैरवी की. उनकी ओर से कोर्ट बताया गया कि सैटेलाइट इमेज से यह पता लगाना चाहिए कि उक्त तीन जिलों में जिन कंपनियों को कितने लैंड पर माइनिंग के लिए लीज मिला है और वे वास्तविक रूप से कितने लैंड पर माइनिंग का कार्य कर रहे हैं.

दरअसल, यह मामला एक संचालक से माइनिंग चलाने के लिए माइनिंग विभाग के अधिकारी द्वारा 20 लाख रुपए की मांग से जुड़ा है. इस मामले में डिप्टी डायरेक्टर रैंक के एक अधिकारी की भूमिका बताई गई है, लेकिन उनके खिलाफ जो  जांच हुई उसे बाद में जांच को बंद कर दिया गया था.

प्रार्थी का कहना था पलामू सहित कुछ जिलों में अवैध माइनिंग में अरबों का पैसों का खेल चलता है. इसकी रोकथाम होनी चाहिए. सरकार के जो अधिकारी इस अवैध माइनिंग में संलिप्त हैं उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.

Share with family and friends: