रांची: सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन के साथ जुड़ी खरीद-बिक्री मामले में ईडी ने अब तक एक फर्जीवाड़ा मामला दाखिल नहीं किया है, लेकिन उन्हें सोमवार तक चार्जशीट दाखिल करने की संभावना है.
यह मामला रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन, कोलकाता के व्यापारी अमित अग्रवाल और दिलीप घोष समेत 10 लोगों के खिलाफ है. इस मामले में 7 लोगों को 13 अप्रैल की रात में गिरफ्तार किया गया था, और पूर्व डीसी छवि रंजन को 4 मई को गिरफ्तार किया गया था.
कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, यदि 60 दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल नहीं होती है, तो आरोपियों को जमानत की संभावना होती है. इसलिए, ईडी को इस अवधि से पहले चार्जशीट दाखिल करने का विचार हो रहा है.
इसके अलावा, रांची में सेना के साथ जुड़ी अन्य अवैध खरीद-बिक्री मामलों में 18 लोगों के खिलाफ कार्रवाई हुई है, जिनमें रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन और बड़गाई के राजस्व कर्मचारी भानुप्रताप शामिल हैं. यह छापेमारी में कई जमीन के फर्जी दस्तावेज़, मुहर और अन्य कागजात मिले हैं.
इसके बाद, ईडी ने रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन के साथ दो बार पूछताछ की है. दूसरी बार पूछताछ के दौरान ही, उन्हें 4 मई को गिरफ्तार कर लिया गया था. इसी तरह, 7 जून को ईडी ने कोलकाता के व्यापारी अमित अग्रवाल और जगतबंधु टी इस्टेट के मालिक दिलीप घोष को गिरफ्तार किया है, और वे वर्तमान में 72 घंटे की रिमांड पर हैं. ईडी को मिली जानकारी के अनुसार, दिलीप घोष ने सेना की उक्त जमीन की खरीद की थी.
प्रदीप बागची ने इसी जमीन को दिलीप घोष को बेची थी, और यह कंपनी के अधिकारित मालिक अमित अग्रवाल है. पहले भी, नवंबर 2022 में ईडी ने रांची के सेना के कब्जे वाली जमीन की खरीद-बिक्री मामले में अमित अग्रवाल, विष्णु अग्रवाल, प्रदीप बागची, दिलीप घोष और दो रजिस्ट्रारों के खिलाफ छापेमारी की थी.