Advertisment
Sunday, October 5, 2025

Latest News

Related Posts

डायन कुप्रथा उन्मूलन के लिए जागरूकता रथ रवाना

रांची: आज गुरुवार को समाहरणालय परिसर से डायन कुप्रथा उन्मूलन के लिए जागरूकता रथ को रवाना किया गया। जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्वेता भारती, सीडीपीओ सहित अन्य कर्मचारी भी मौजूद थे।

इस रथ के माध्यम से डायन कुप्रथा के खिलाफ जागरूकता फैलाई जाएगी। जागरूकता रथ रांची जिले के सभी प्रखंडों, मुख्य चौकों और हाट-बाजारों में ऑडियो संदेश के द्वारा लोगों को जागरूक करने का कार्य करेगा।

डीसी राहुल कुमार सिन्हा ने इस मौके पर बताया कि जिले में डायन अधिनियम 2001 के तहत डायन कुप्रथा को पूरी तरह समाप्त करने के लक्ष्य से जागरूकता रथ को रवाना किया गया है।

रथ के माध्यम से सुदूर क्षेत्रों में लोगों को डायन अधिनियम 2001 के बारे में जागरूक करके डायन कुप्रथा के प्रति जनता को जागरूक किया जाएगा। डीसी ने डायन प्रथा को समाप्त करने के लिए जिला प्रशासन का सहयोग करने की अपील भी की है।

डायन प्रथा प्रतिषेध अधिनियम 2001 के अनुसार जिसे डायन के रूप में पहचाना जाता है, उस पर कार्रवाई करने वाले व्यक्ति को अधिकतम तीन महीने की कारावास या एक हजार रुपये का जुर्माना, या दोनों से जुर्माना की सजा हो सकती है।

महिला को डायन के रूप में पहचान कर उसे जानबूझकर शारीरिक या मानसिक यातना या उसे प्रताड़ित करने पर छह महीने की सजा या दो हजार रुपये का जुर्माना, या दोनों से जुर्माना की सजा हो सकती है।

अगर किसी महिला को डायन के रूप में पहचानने के लिए साक्ष्य या अनवधता के बावजूद अन्य व्यक्तियों को उकसाने, षडयंत्र रचने या सहायता करने का दोषी पाया जाता है, तो उसे तीन महीने की कारावास या एक हजार रुपये का जुर्माना, या दोनों से जुर्माना की सजा हो सकती है।

डायन के रूप में पहचानी जाने वाली महिला को शारीरिक या मानसिक हानि पहुंचाने, प्रताड़ित करने, झाड़-फूंक या टोटका करके उपचार करने वाले को एक साल तक की कारावास की सजा, या दो हजार रुपये तक का जुर्माना, या दोनोसे जुर्माना की सजा हो सकती है। इस रवाना किए गए जागरूकता रथ के माध्यम से डायन कुप्रथा को उन्मूलित करने के लिए जनता को जागरूक किया जाएगा।

Loading Live TV...
146,000FansLike
25,000FollowersFollow
628FollowersFollow
632,000SubscribersSubscribe