भागलपुर : एक तरफ जहां बाल विवाह पर रोक लगाने के लिए भारत सरकार व बिहार सरकार ने कई योजनाएं बनाई है और अरबों रुपए इस पर खर्च हो रहे हैं। लेकिन इसका नतीजा जमीनी स्तर पर कुछ भी नहीं। इसका जीता जागता नमूना आपको हर जिले के हर गांव में देखने को मिलेगा। ऐसा ही कुछ मामला भागलपुर में प्रकाश में आया है।
गौरतलब हो की लोन चुकाने को बेटी की शादी अधेड़ से कर दी गई। नाबालिग बेटी ने कहा कि मुझे पढ़ना है, मुझे इंसाफ दिलाओ वरना मैं अपनी जान दे दूंगी। 16 वर्षीय नाबालिक युवती ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी वायरल किया है। जिसमें साफतौर पर वह कह रही है कि मुझे जबरन मेरे पिता ने लोन चुकाने के लिए मेरी शादी की है। मेरी उम्र 16 वर्ष हो रही है और मेरे पति की 52 वर्ष के हैं। मैं जहां एक तरफ शादी भी नहीं करना चाहती थी।
वहीं दूसरी ओर इस तरह उम्र का फर्क और प्रताड़ना गाली-गलौज मेरे से सहन नहीं होगा। अब मैं जिंदा नहीं रहना चाहती। शादी के बाद पति उसे पिस्तौल का भय दिखाकर शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर करता था। किसी तरह घर वालों से छिपते हुए वहां से भाग कर भागलपुर बड़ी बहन के पास पहुंची और मदद करने की गुहार लगाई। वह झारखंड के गोड्डा जिले के रहने वाली है। इश्क में वह अपनी बहन के यहां रह रही है। वह अपने पति की शिकायत करने के लिए महिला थाना पहुंची। महिला पुलिस उसकी मदद करने की जगह उसे वहां से भी भगा दिया। फिर वह इसाकचक थाने गई लेकिन वहां भी इसकी फरियाद नहीं सुनी गई।
नाबालिग लड़की अंत में वह डीआईजी आफिस पहुंची लेकिन वहां भी इसका आवेदन स्वीकार नहीं हुआ। अंत में वह अपनी जीवन लीला समाप्त करने के लिए एक वीडियो सोशल मीडिया पर डाला। वह डर के साए में जी रही है। उसे हर समय इस बात का डर सता रहा है कि उसका पति कभी भी आकर उसे जबरन अपने साथ लेकर चला जाएगा। वह उसके साथ नहीं जाना चाहती वह पढ़ना चाहती है। पीड़िता को कानूनी सुरक्षा देने की बजाय पुलिस मामले में पल्ला झाड़ने में लगी हुई है। दूसरे राज्य का मामला बात कर पीड़िता को महिला थाने से भगा दिया गया। जबकि यहां की पुलिस झारखंड की स्थानीय पुलिस से संपर्क कर एफआईआर दर्ज कर उसे कार्रवाई के लिए भेज सकती थी।
राजीव ठाकुर की रिपोर्ट