रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके रिश्तेदारों को माईनिंग लीज अलॉट करने के मामले में बुधवार को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई होगी। आरटीआई कार्यकर्ता व अधिवक्ता सुनील कुमार महतो ने जनहित याचिका के माध्यम से हाई कोर्ट से मामले में जांच का आग्रह किया है।
इससे पहले हुई सुनवाई में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल हाइब्रिड मोड में जुड़े थे, उन्होंने दलील देते हुए कोर्ट को बताया था कि यह मामला सुनवाई योग्य नहीं है। इसी तरह का मामला सुप्रीम कोर्ट में खारिज हो चुका है। जिसके बाद प्रार्थी की ओर से मामले में जवाब दाखिल करने के लिए समय की मांग की गई थी। कोर्ट ने प्रार्थी को समय देते हुए मामले की अगली सुनवाई 11 अक्टूबर निर्धारित की थी।
संवैधानिक पद का दुरुपयोग करने का आरोप
सुनील कुमार महतो द्वारा दाखिल दाखिल याचिका में बताया गया है कि सीएम हेमंत सोरेन ने खान विभाग के मंत्री पद पर रहते हुए संवैधानिक पद का दुरुपयोग कर अपने लिए अनगड़ा में माईनिंग लीज आवंटित किया। इसके अलावा उन्होंने अपनी पत्नी कल्पना सोरेन और साली सरला मुर्मू के नाम भी माइनिंग लीज आवंटित कराया है। पिछले सुनवाई में सुनील कुमार महतो की ओर से बताया गया कि यह मामला शिव शंकर शर्मा के मामले से अलग है साथ ही इस मामले में कई नए बातें भी सामने आई है। मामले में नए डेवलपमेंट हुए हैं, जो कोर्ट के समक्ष रखा जाएगा। शिव शंकर शर्मा की याचिका से उनकी याचिका कैसे अलग है, इसका वे तुलनात्मक ब्योरा देना चाहते हैं। जिसके बाद कोर्ट ने प्रार्थी को पूरक शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश देते हुए मामले की सुनवाई 11 अक्टूबर को निर्धारित की थी।
पत्नी, साली और रिश्तेदारों के नाम पर माइनिंग लीज लेने का आरोप
याचिका के माध्यम से कोर्ट को बताया गया है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उनकी पत्नी और उनके रिश्तेदारों की जांच करने को लेकर संबंधित प्राधिकार से शिकायत की गई, लेकिन मामले में किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई। इसलिए, उन्होंने झारखंड हाईकोर्ट रुख किया और जांच की गुहार लगाई।