रांची: बीते माह 12 और 13 मार्च को अंबा प्रसाद, उनके पिता पूर्व मंत्री योगेंद्र साव समेत अन्य के 20 ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की थी। छापेमारी के बाद योगेंद्र साव को समन भेज कर 3 अप्रैल को पूछताछ के लिए बुलाया था।
3 अप्रैल को योगेंद्र साव लगभग 11 बजे ईडी कार्यालय पहुंचे थे। बुधवार को उनसे कई घंटे तक पूछताछ की गई थी। पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया और तमाम कागजातों के साथ अगले दिन यानी 4 अप्रैल को फिर से बुलाया गया।
ऐसे में योगेंद्र साहब ईडी द्वारा मांगे गए कागजात लेकर गुरुवार को ईडी कार्यालय पहुंचे। जहां कार्यालय के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए योगेंद्र साव ने कहा कि जांच सही दिशा में जा रही है।
उन्हें ईडी के अधिकारियों और ईडी पर पूरा विश्वास है। उन्होंने कहा कि ईडी, सीबीआई, एनआईए सभी एजेंसियां भारत के लिए गर्व के समान है। ऐसे में ईडी उनके मामलों की जांच करती है तो यह उनके लिए सौभाग्य की बात होगी।
उन्होंने कहा कि उन पर कोई अवैध कब्जा का आरोप नहीं लगा है। वह साफ-सुथरा राजनीति करते हैं, उनकी बेटी अंबा प्रसाद भी साफ-सुथरा राजनीति करती हैं और बेटा व्यापारी है। इसलिए बिजनेस के लिए दो चार लाख रुपये घर में हर कोई व्यक्ति रखता है।
उन्होंने बताया कि सीओ शशि भूषण से उनका कोई लेना-देना नहीं है और वह उनके संपर्क में नहीं है। उस बारे में उनसे कोई पूछताछ नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि उनका कोई भी अवैध कारोबार नहीं है। यह सब बस प्रोपेगेंडा है।
ईडी के अधिकारियों को उनके और उनके परिवार के खिलाफ गलत सूचना दी गई है और गुमराह करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि ऐसे गुमराह करने वाले व्यक्तियों पर ईडी को कार्रवाई करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि ईडी अगर उनके पुराने मामलों की भी जांच करती है, तो जब तक वह जीवित रहेंगे तब तक ईडी कार्यालय में वे पांच दिया जलवायेंगे। उन्होंने कहा कि ईडी, सीबीआई, एनआईए देश के ऐसेट है।
ऐसे में ये स्वतंत्र एजेंसियां उनके मामलों की जांच करती है, तो इससे सौभाग्य की बात नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि सभी मामलों की जांच करके ईडी दूध का दूध और पानी का पानी कर दे।