डिजीटल डेस्क : Black Monday – शेयर बाजार में निवेशकों के डूबे 16 लाख करोड़। सोमवार को कारोबारी हफ्ते का पहला दिन शेयर बाजार के लिए ‘ब्लैक मंडे’ नजर आया है। बाजार खुलते ही भारतीय शेयर बाजार में आज गिरावट की सुनामी आ गई और सेंसेक्स व निफ्टी धड़ाम हो गए। शेयर बाजार में मार्च 2020 के बाद से ये अबतक कि सबसे बड़ी गिरावट बताई जा रही है और इसमें निवेशकों के 16 लाख करोड़ रुपये एक झटके में स्वाहा हो गए हैं।
खुलते ही ताश के पत्तों की तरह बिखर गया बाजार
सोमवार को बाजार खुलते ही बिखर गया। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स सोमवार को खुलने के साथ ही अपने पिछले बंद की तुलना में बुरी तरह से टूटकर 1200 अंक की गिरावट के साथ 79,700.77 पर खुला, तो वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी-50 ने भी 424 अंक की गिरावट के साथ कारोबार शुरू किया। इससे पहले बीते शुक्रवार को भी भारतीय शेयर मार्केट में सुनामी जैसा नजारा देखने को मिला था। बीते शुक्रवार को सेंसेक्स 885.60 अंक गिरकर 80,981.95 अंक पर बंद हुआ था. जबकि निफ्टी की बात करें तो यह 293.20 अंक टूटकर 24,717.70 लेवल पर बंद हुआ था।
अमेरिका में मंदी के आहट से डूबा भारतीय शेयर बाजार
माना जा रहा है कि अमेरिका में मंदी की आहट का असर भारतीय बाजार पर भी दिखाई दिया है। कारोबारी हफ्ते के पहले दिन सोमवार भी शेयर बाजार के लिए ब्लैक मंडे साबित हुआ है। बाजार खुलते ही भारतीय शेयर बाजार में आज गिरावट की सुनामी आ गई है। बताया जा रहा है कि आज बाजार कि गिरावट के पीछे ग्लोबल बाजारों की गिरावट का हाथ है। अमेरिकी बाजारों की भयंकर गिरावट के चलते घरेलू शेयर बाजार टूटकर खुले हैं। बैंक निफ्टी 650 अंकों से ज्यादा टूटकर खुला है और ओपनिंग मिनटों में 800 अंक टूटकर 50560 तक लुढ़क चुका है जबकि सेंसेक्स में खबर लिखे जाने तक 2500 पॉइंट से ज्यादा की गिरावट आ चुकी है।
16 लाख करोड़ के नुकसान के बाद निवेशकों को धैर्य रखने के अलावा कोई चारा नहीं
आज बाजार की इस गिरावट में बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 16 लाख करोड़ रुपये घट गया है यानी निवेशकों की दौलत मार्केट खुलते ही 16 लाख करोड़ रुपये घट गई है, क्योंकि बीएसई का मार्केट कैप 444.35 लाख करोड़ रुपये पर आ चुका है। शुक्रवार को बीएसई का मार्केट कैप 457.21 लाख करोड़ रुपये पर रहा था। आज यानी 5 अगस्त 2024 को मार्केट खुलते ही यह 4,47,64,692.65 करोड़ रुपये पर आ गया। इसका मतलब हुआ कि निवेशकों की पूंजी 16 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा घट गई है। अगर चुनावी नतीजे वाले दिन को छोड़ दिया जाए तो यह मार्च 2020 की सबसे बड़ी गिरावट है। कोविड के बाद से हर किसी को लग रहा था कि सबसे ज्यादा पैसा बाजार में कमाई जा सकती है और इसलिए हर कोई इसमें निवेश करने लगा। लेकिनअब बाजार ने बता दिया कि मार्केट सुप्रीम होता है और मार्केट से बड़ा कोई नहीं होता। हालांकि शेयर कारोबारियों को उम्मीद है कि 2-3 दिन में सुधार देखने को मिल सकता है। ऐसे में निवेशको के पास अभी इंतजार करने के अलावा कोई चारा नहीं है।
यूं समझें अमेरिकी मंदी का भारतीय बाजार पर असर, सताने लगा मंदी का डर
भारतीय शेयर बाजार में आई सुनामी ने निवेशकों को सकते में डाल दिया है। माना जा रहा है कि इसके पीछे अमेरिका में मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई डाटा में बड़ी कमी आई है, जो संकेत दे रहा है अमेरिका में मंदी आ सकती है। साथ ही बेरोजगारों की संख्या में रिकॉर्ड बढ़ोतरी भी हुई है, जिसका असर सीधे अमेरिकी बाजार पर पड़ा है। वहीं आईटी सेक्टर में छंटनी के ऐलान से भी संकट और गहरा गया है, जिससे ग्लोबल आईटी सेक्टर भी भारी दबाव में है। अमेरिका में बेरोजगारी दर 4.3 फीसदी पर पहुंच गई है जो कि अक्टूबर 2021 के बाद अमेरिका में बेरोजगारी का सबसे बड़ा आंकड़ा है। बेरोजगारी की दर में यह बढ़ोतरी बाजार के अनुमान से ज्यादा है और इसने एक बार फिर से मंदी के डर को तेज कर दिया है। माना जा रहा है कि बेरोजगारी बेतहाशा बढ़ना आने वाली मंदी का संकेत है। डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज का फ्यूचर आज सुबह 7 बजे 375 अंक से ज्यादा (लगभग 1 फीसदी) के नुकसान में था जबकि बीते शुक्रवार को डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज में 610.71 अंक यानी 1.51 फीसदी की गिरावट आई थी। वहीं एसएंडपी 500 इंडेक्स 1.84 फीसदी और टेक स्टॉक फोकस्ड इंडेक्स नास्डैक कंपोजिट 2.43 फीसदी के नुकसान में रहा था। इसके अलावा बैंक ऑफ जापान ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है जिसके चलते जापान के शेयर बाजार में भी गिरावट आई है। साथ ही हमास चीफ की हत्या के बाद मीडिल ईस्ट में तनाव बढ़ रहा है जिससे ईरान-इजराइल के बीच युद्ध की आशंका गहरा गई है। यह फैक्टर भी ग्लोबल मार्केट को प्रभावित कर रहा है जिसका असर शेयर बाजार पर देखने को मिला है।